सचिव (श्रम एवं रोजगार), आईएएस श्री अपूर्व चंद्र ने 7 अक्टूबर, 2020 को ईपीएफओ मुख्यालय के अपने पहले भ्रमण के अवसर पर एकल भुगतान के माध्यम से छूट प्राप्त ट्रस्टों से ईपीएफओ को बड़ी मात्रा में निधि और डेटा के हस्तांतरण की सुविधा का शुभारम्भ किया। इससे छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के लिए निधि के हस्तांतरण की गति बढ़ाकर कारोबारी सुगमता में सुधार होगा।
ईपीएफओ ने अब एकल भुगतान के माध्यम से छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों से ईपीएफओ को बड़ी निधियों के हस्तांतरण की कार्यक्षमता का विमोचन कर दिया है। छूट प्राप्त प्रतिष्ठान ऐसे प्रतिष्ठान हैं, जिन्हें ईपीएफ एवं एमपी अधिनियम, 1952 की धारा 17 के अंतर्गत छूट दी गई है और ईपीएफओ के समग्र पर्यवेक्षण में उसके सदस्य ही भविष्य निधि का प्रबंधन करते हैं। एक सदस्य के छूट प्राप्त से बिना छूट प्राप्त प्रतिष्ठान में रोजगार हासिल करने पर उसके पिछले संचय को ईपीएफओ को हस्तांतरित कर दिया जाता है।
अभी तक छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को एक-एक सदस्य से स्वीकृति लेनी होती थी और निधि हस्तांतरित करनी होती थी। प्रतिदिन कई कर्मचारियों की निधि हस्तांतरित करने वाले बड़े प्रतिष्ठानों के लिए यह प्रक्रिया बड़ी बोझिल थी और इसमें काफी समय लगता था। नई सुविधा के अंतर्गत छूट प्राप्त प्रतिष्ठान एकल भुगतान के माध्यम से बड़ी संख्या में सदस्यों के लिए बड़ी मात्रा में डाटा और निधि का हस्तांतरण कर सकते हैं। इस पहल से ईपीएफओ के 1500 छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को फायदा होने का अनुमान है।
ईपीएफओ और छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के बीच होने वाले सभी लेनदेन पहले ही इलेक्ट्रॉनिक कर दिए गए हैं, जिससे धन के हस्तांतरण में विलंब और मिलान से संबंधित समस्याएं भी खत्म हो गई हैं। किसी सदस्य के बिना छूट वाले से छूट प्राप्त प्रतिष्ठान में नौकरी हासिल करने की स्थिति में ईपीएफओ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से छूट प्राप्त प्रतिष्ठान के बैंक खाते में निधियों का हस्तांतरण कर देता है और प्रतिष्ठान के लॉगइन में लेनदेन का विवरण उपलब्ध करा दिया जाता है। इससे छूट प्राप्त प्रतिष्ठान अपनी देखरेख वाले सदस्य के खाते में निधि को त्वरित रूप से जमा करने में सक्षम हो गए हैं।
इसके अलावा, छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेंशन निधि अंशदान के प्रेषण के लिए अपना मासिक रिटर्न और इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ईसीआर) जमा करने की सुविधा पहले ही उपलब्ध करा दी गई है, जिससे परेशानी मुक्त तरीके से अनुपालन की सुविधा मिलती है।
ईपीएफओ मुख्यालय के भ्रमण के दौरान सचिव (श्रम एवं रोजगार) द्वारा शुरू की गई एक अन्य पहल से उसके सदस्य उमंग ऐप के माध्यम से कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत योजना प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन में सक्षम हो जाएंगे। योजना प्रमाण पत्र उन सदस्यों को जारी किया जाता है जो अपना ईपीएफ अंशदान तो निकाल लेते हैं, लेकिन सेवानिवृत्त की उम्र में पेंशन लाभ हासिल करने के लिए ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता बरकरार रखना चाहते हैं।
उमंग ऐप के माध्यम से योजना प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना आसान होने से अब सदस्यों को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौर में भौतिक रूप से या कागजी माध्यम से आवेदन करने की अनावश्यक दिक्कत से बचने में सहायता मिलेगी। इस सुविधा से 5.89 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा।
श्री अपूर्व चंद्र ने 1 अक्टूबर, 2020 को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। ईपीएफओ के पहले भ्रमण के दौरान केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त, आईएएस श्री सुनील बर्थवाल और ईपीएफओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका अभिवादन किया। सचिव (श्रम एवं रोजगार) ने महामारी के इस दौर में सदस्यों को सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में ईपीएफओ द्वारा की गईं अहम पहलों का जायजा लिया।