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केन्द्र ने राज्य/संघ शासित प्रदेशों को उचित मूल्य पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रक उपायों को लागू करने की अनुमति दी

देश-विदेश

नई दिल्ली: आवश्‍यक वस्‍तुओं की कीमतों को नियंत्रित करना सुनिश्चित करने से संबंधित अपने प्रयासों के एक भाग के रूप में सरकार ने उचित मूल्‍य पर आवश्‍यक वस्‍तुओं की पर्याप्‍त उपलब्‍धता सुनिश्चित करने हेतु राज्‍यों/संघ शासित क्षेत्रों को प्‍याज के व्‍यापारियों/डीलरों के संबंध में नियंत्रक उपाय अधिरोपित करने के लिए समर्थकारी बनाने का निर्णय लिया है। सरकार ने दिनांक 25.08.2017 को का0आ0 सं0 2785 (अ) द्वारा इस निर्णय को अधिसूचित किया। अब राज्‍य प्‍याज के संबंध में स्‍टॉक सीमा अधिरोपित कर सकेंगे और जमाखोरीरोधी ऑपरेशनों, सट्टेबाजों और मुनाफाखोरों के विरूद्ध कार्रवाई करने जैसे विभिन्‍न कदम उठा सकेंगे।

हाल ही के सप्‍ताहों में विशेषत: इस वर्ष जुलाई माह के अंत से आगे प्‍याज की कीमतों में हुई असामान्‍य वृद्धि के चलते यह करना आवश्‍यक था, हालांकि प्‍याज का उत्‍पादन और बाजार में इसकी आपूर्ति पिछले वर्ष के दौरान इसी अवधि की तुलना में बेहतर है। अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्‍य के अनुसार कीमतें 15/- रु. प्रति किलोग्राम 28.94/- रु. प्रति किलोग्राम हो गई। महानगरों में यह बढ़ोतरी और भी अधिक है जैसे चेन्‍नई में 31/- रु. प्रति किलोग्राम, दिल्‍ली में 38/- रु. प्रति किलोग्राम, कोलकाता में 40/- रु. प्रति किलोग्राम और मुम्‍बई में 33/- रु. प्रति किलोग्राम।

सभी परिस्थितियों की जांच करने के बाद सरकार का यह तर्क है कि प्‍याज के मूल्‍यों में असामान्‍य वृद्धि करने वाले कारणों में प्‍याज की कमी के अलावा कुछ अन्‍य कारण भी हैं जैसे कि जमाखोरी और सट्टेबाजी इत्‍यादि। अत:, राज्‍यों/संघ शासित क्षेत्रों को ऐसे व्‍यापारियों, जो प्‍याज की सट्टेबाजी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी से जुड़े हैं, के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए समर्थ बनाना आवश्‍यक था। इन उपायों से प्‍याज की कीमतों में उचित स्‍तर तक कमी आने का अनुमान है जिससे उपभोक्‍ताओं को तत्‍काल राहत मिलेगी।

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