केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 15 जून, 2017 को माध्यमिक समायोजन के प्रावधान परिचालित करने के लिए नियम 10सीबी अधिसूचित कर दिया है। यह नियम अधिशेष धन के स्वदेश भेजने की समय-सीमा निर्धारित करता है और साथ ही निर्धारित समय सीमा में अधिशेष धन प्रत्यावर्तित करने में विफल रहने की स्थिति में उस आय पर ब्याज की दर निर्धारित करता है। अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के लिए भारतीय मुद्रा और विदेशी मुद्रा में अलग-अलग दरें प्रदान की जाती हैं। ब्याज की दरें वार्षिक आधार पर लागू होती हैं।
अधिशेष धन के स्वदेश भेजने की 90 दिन की समय-सीमा मूल्यांकन वर्ष 2017-18 के संदर्भ में या उसके बाद की अवधि के लिए उस समय से प्रारंभ होगी जब प्राथमिक समायोजन की राशि एक करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। जिन मामलों में करदाता द्वारा ट्रासंफर प्राइसिंग ऑर्डर के खिलाफ अपील की गई हो, वहां धन प्रत्यावर्तन के लिए समय सीमा अपील प्राधिकरण द्वारा अपील का अंतिम निपटारा करने के बाद ही प्रारंभ होगी।
यह नियम आय कर विभाग की वेबसाइट (www.incometaxindia.gov.in) पर उपलब्ध है।
वित्त विधेयक, 2017 ने आय कर अधिनियम, 1961 में धारा 92सीई समाविष्ट की थी, जो 1 अप्रैल, 2018 से प्रभावी होगी। इस धारा में अधिशेष धन के माध्यमिक समायोजन का प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान मूल्यांकन वर्ष 2017-18 के संदर्भ में या उसके बाद की अवधि के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक आय के प्राथमिक समायोजन पर लागू होगा।