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केन्‍द्र सरकार की ओर से उत्तराखंड में जल एवं स्‍वच्‍छता को काफी बढ़ावा, सुश्री उमा भारती ने गंगा ग्राम, नई स्‍वजल परियोजना और गंगोत्री स्वच्छ प्रतीक स्‍थल का शुभारंभ किया

देश-विदेश

नई दिल्लीः केन्‍द्रीय पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री सुश्री उमा भारती ने एक विशेष पहल के रूप में बागोरी गंगा ग्राम परियोजना, बागोरी में नई स्‍वजल परियोजना और उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के डूंडा गांव में गंगोत्री स्‍वच्‍छ प्रतीक स्‍थल का शुभारंभ किया। इन परियोजनाओं से स्‍वच्‍छता सुनिश्चित होने के साथ-साथ गंगा किनारे स्थित गांवों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी मिलेंगी। इसके अलावा, रोजगार भी सृजित होंगे।

ओडीएफ (खुले में शौच मुक्‍त) गांव बागोरी भी उन 24 पायलट गंगा गांवों में शामिल है जिनका चयन इस वर्ष ‘गंगा ग्राम’ में तब्‍दील करने के लिए किया गया है। इस दिशा में पहले कदम के रूप में मंत्री महोदया ने बागोरी में 11.88 लाख रुपये की लागत वाली ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन योजना का उद्घाटन किया। उन्‍होंने लोगों से गंगा ग्राम को संपूर्ण अर्थ में एक वास्‍तविकता में तब्‍दील करने के मिशन में शामिल होने का आग्रह किया। गंगा जलग्रहण क्षेत्र में वृक्षारोपण को काफी बढ़ावा देने के लिए सुश्री उमा भारती के साथ-साथ उत्तराखंड के पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री श्री प्रकाश पंत, पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय में सचिव श्री परमेश्‍वरन अय्यर, स्‍थानीय विधायक और केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार के अन्‍य अधिकारियों ने भी धरासू एनएमसीजी नर्सरी में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। इस वर्ष उत्तरकाशी के गंगा जलग्रहण क्षेत्र में 1.5 लाख से भी ज्‍यादा पौधे लगाए जाएंगे।

मंत्री महोदया ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि नदी किनारे वृक्षारोपण करना आम जनता का भी उत्तरदायित्व है। उन्‍होंने यह भी कहा कि समुदायों की भागीदारी के जरिए एकीकृत विकास सुनिश्चित करना गंगा ग्राम अवधारणा के केंद्र में है।

सुश्री उमा भारती ने बागोरी में नई स्‍वजल परियोजना का भी उद्घाटन किया जिसके लिए 32 लाख रुपये से भी ज्‍यादा का बजट रखा गया है। ‘स्‍वजल’ दरअसल समुदाय के स्‍वामित्‍व वाला पेयजल कार्यक्रम है जिसका उद्देश्‍य पेयजल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है। श्री प्रकाश पंत ने कहा कि राज्‍य सरकार उत्तराखंड के सैकड़ों गांवों को जलापूर्ति करने की योजना बना रही है। उन्‍होंने लोगों से आगे आने और नई स्‍वजल परियोजना को ठीक उसी तरह से अपनाने का अनुरोध किया जिस प्रकार पुरानी स्वजल योजना को अपनाया गया था।

बाद में सुश्री उमा भारती ने सडग गांव का भी दौरा किया जहां वर्ष 1996 से ही स्‍वजल योजना सफलतापूर्वक चलाई जा रही है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने स्‍वच्‍छ प्रतीक स्‍थल के रूप में गंगोत्री का भी शुभारंभ किया। ओएनजीसी अपने सीएसआर कोष के जरिए गंगोत्री को स्‍वच्‍छता के उच्‍च स्‍तर पर ले जाने में मदद करेगी। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। केन्‍द्रीय आवास एवं शहरी मामले, पर्यटन एवं संस्‍कृति मंत्रालयों, राज्‍य सरकारों, नगरपालिका और स्‍थानीय एजेंसियों के सहयोग से पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय (एमडीडब्‍ल्‍यूएस) द्वारा एसआईपी परियोजना का समन्वयन किया जा रहा है।

पेयजल एवं स्‍वच्‍छता सचिव, जो स्‍वजल के प्रथम परियोजना निदेशक भी थे, ने अपने संबोधन में गंगा ग्राम, स्‍वजल और एसआईपी परियोजनाओं से संबंधित मंत्रालय की योजनाओं के बारे में संक्षिप्‍त ब्‍योरा पेश किया।

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