नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के इस्तीफे के बाद सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के.पी. ओली नेपाल के 41 वें प्रधानमंत्री बनेंगे। देउबा राष्ट्रीय संबोधन के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा करने जा रहे हैं और राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी को इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। संघीय और प्रांतीय चुनाव संपन्न होने के 69 दिनों बाद वह इस्तीफा देने जा रहे हैं।
देउबा सीपीएन (माओवादी सेन्टर) के समर्थन से पिछले वर्ष छह जून को नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री बने थे। सीपीएन (माओवादी सेन्टर) अब वामपंथी गठबंधन का हिस्सा है और सीपीएन-यूएमएल के साथ विलय कर रहा है। टेलीविजन प्रसारण के दौरान देउबा ने कहा, ”मेरे नेतृत्व में सरकार के तीनों स्तरों के लिए मतदान सफलतापूर्वक पूरा हुआ और उसने सत्ता हस्तांतरण की नींव रखी।
साल 2017 में प्रधानमंत्री चुने गए देउबा ने स्थानीय, प्रांतीय और संघीय विधनासभा के तीन सफल चुनाव कराए। संघीय संसद में सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के नाते नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के सहयोग से ओली देउबा से यह पद भार ग्रहण करेंगे। राष्ट्रपति कायार्लय के मुताबिक, इससे पहले गुरुवार को ओली ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की।
ओली को सदन में 30 दिनों के भीतर बहुमत साबित करना होगा।
सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-माओवादी सेन्टर गठबंधन को दिसंबर में हुए आम चुनावों में 275 में से 174 सीटों पर जीत मिली है। सीपीएन-यूएमएल का नेतृत्व ओली जबकि सीपीएन-माओवादी सेन्टर का नेतृत्व प्रचंड करते हैं। ओली पहले भी 11 अक्तूबर, 2015 से तीन अगस्त, 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
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