नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ ऑडिटर जनरल कांफ्रेंस में भाग ले रहे प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि राष्ट्रमंडल देशों के महालेखा परीक्षकों के बहुपक्षीय फोरम की बैठक इस साल भारत में आयोजित की गई है, ताकि सदस्य सुप्रीम ऑडिट संस्थानों (एसएआई) के लिए प्रासंगिकता से जुड़े समकालीन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऑडिट एक ज्ञान आधारित गतिविधि है, अत: इस तरह के आपसी संवाद के साथ-साथ ज्ञान, अनुभवों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से एसएआई के सभी सदस्य लाभान्वित होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के कार्यालय को भारतीय संविधान के तहत स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी ऑडिट संसदीय वित्तीय नियंत्रण की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि उपर्युक्त सम्मेलन में विचारों के आदान-प्रदान और अनुभवों को साझा करने से भविष्य में न केवल राष्ट्रमंडल देशों, बल्कि दुनिया के कई अन्य राष्ट्रों का भी मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी।
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