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कॉरपोरेट प्रशासन में अधिक पारदर्शिता,नैतिक व्‍यवहार और जवाबदेही लाएं: उपराष्‍ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि कॉर्पोरेट शासन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता, नैतिक व्यवहार और जवादेही लायी जानी चाहिए। वे आज यहां भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (इंस्‍टीट्यूट ऑफ कॉस्‍ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) के 58 वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कानून, विधि तथा कॉरपोरेट मामलों के राज्‍य मंत्री  श्री पी.पी. तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

        उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि‍ कोई भी विकास तब तक सार्थक नहीं कहा जा सकता जबतक उसमें कृषि क्षेत्र की जरूरतों को शामिल नहीं किया जाता है।  उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होने वाले छह संभावित उपाय सुझाए और कहा कि इस तरह के उपायों को यदि पूरी ईमानदारी के साथ क्रियान्वित किया गया तो 2022 तक किसानों की आय निश्चित रूप से दोगुनी हो जाएगी।

      उनके द्वारा सुझाए गए उपायों में:

1.  उच्च मूल्य वाले फसलों और उद्यमों के लिए कृषि गतिविधियों का विविधीकरण

2.  उत्पादकता को दोगुना करने के लिए सिंचाई की सुविधा में सुधार

3.  प्रतिस्पर्धी बाजारों के माध्यम से किसानों के लिए उनके उत्‍पादों के लिए बेहतर मूल्य और  मूल्य श्रृंखला

4.  तथा कृषि उत्‍पादों के स्‍थानीय स्‍तर पर खपत के लिए बेहतर तालमेल

5.  प्रौद्योगिकी उन्नयन

6.  खेती से किसानों का गैर-कृषि व्यवसायों में स्थानांतरण करना शामिल है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के उपाय कर रही है। उन्‍होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकता वाली नीतियों में से एक है। किसानों की आय दोगुना किया जाना समय की आवश्‍यकता है। उन्होंने आगे कहा कि आईसीएआई जैसे पेशेवर निकायों की भूमिका धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे होनी चाहिए। उपराष्‍ट्रपति ने सनदी लेखाकारों से कहा कि कॉर्पोरेट प्रशासन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता, नैतिक व्‍यवहार और जवाबदेही लाने में वे बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।

श्री नायडू  ने कहा कि सनदी लेखाकार  परिसंपत्तियों, देनदारियों, शेयरों और संपत्तियों के सही  मूल्यांकन के जरिए निवेशकों को सही वित्तीय निर्णय लेने और विनियामक दायित्वों को पूरा करने में मदद कर प्रत्‍यक्ष विदेशी नि‍वेश को गति देने में सहायक बन सकते हैं। उन्‍होने कहा कि वस्‍तु एंव सेवा कर जीएसटी कानून में मुनाफाखेारी रोधी धारा शामिल करके उपभोक्‍ताओं को कर में कटौती या इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ सुनिश्चित किया गया है।

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