कोटद्वार: कोटद्वार में ’’कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन योजना’’ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इन योजनाओं से कोटद्वार के सामाजिक व आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार कहा जाता है, आज इन योजनाओं के शुरूआत होने से कोटद्वार को विकास का द्वार भी कहा जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इन योजनाओं से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के नये अवसर मिलेंगे। साथ ही पर्यटकों की संख्या भी बढेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि देश-दुनिया में उत्तराखण्ड को देवभूमि के नाम से जाता है। उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हमारे पास सकारात्मक और रचनात्मक मानव संसाधन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इको टूरिज्म को राज्य के विकास और आय से जोड़ा जायेगा। इस प्रकार की योजनाएं तैयार की जा रही है, जिससे स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील सरकार के रूप में कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों का स्थानांतरण किया, जिसमें से 90 प्रतिशत चिक्तिसकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कोटद्वार में आज पर्याप्त संख्या में चिकित्सक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनसहयोग के साथ भविष्य के लिए योजनाएं तैयार कर रही है, जिनके दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे है। टेलीमेडिसन, टेलीरेडियोलाॅजी जैसी योजनाएं शुरू की गई है, अब तक 12 चिकित्सालयों को इन योजनाओं से जोड़ा गया है। हमारा प्रयास है कि हम अपने प्रदेशवासियों को सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टर उपलब्ध करा सके। है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पं. दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 200 किसानो को 2 प्रतिशत के ऋण पर 1 लाख रुपए के चैक भी वितरित किये तथा आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर रही है, जिसमें जनसहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड हड़ताली प्रदेशों की सूची में सबसे आगे है।यह हमारे लिए सोचनीय विषय है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को हड़ताली प्रदेश नही बनने देंगे, इसमें जनता का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्मिको की हड़ताल से विकास कार्य बाधित होते है। राज्य सरकार विकास के कार्यों में इस प्रकार की बाधा को बर्दास्त नही करेगी। केन्द्र सरकार के सहयोग से आॅल वेदर सड़क परियोजना का कार्य गति प्रगति पर है, इसके साथ ही जोशीमठ और औली के लिए भारत सरकार के सहयोग से महत्वकांक्षी परियोजना तैयार की जा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 960.77 लाख की धनराशि के विभिन्न कार्यो का शिलान्यास भी किया। इसमें राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में सिम्मलचैड़ से सिताबपुर, दुर्गापुर से हल्दूखाता एवं झण्डीचैड़ से लालढ़ांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग सुढृढ़ीकरण कार्य लागत 456.17 लाख रूपये है, राज्य योजना के अंतर्गत कोटद्वार में विकास खण्ड दुग्गड़ा के अंतर्गत विभिन्न मोटर मार्गों लागत 137.60 लाख है, राज्य योजना के अंतर्गत कोटद्वार के विकासखंड दुग्गड़ा में पी0सी0 एवं सी0सी0 द्वारा सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 236.33 लाख रूपये, तथा एस0सी0एस0पी0 योजना के अंतर्गत कोटद्वार में भीमसिंह पुर से उदय रामपुर मोटर मार्ग लागत 130.77 लाख रूपये सम्मिलित है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कोटद्वार में कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यालय भवन एवं सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के नवनिर्मित भवनों का भी उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार एक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। उन्होंने कहा कि आज कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन योजना को शुभारंभ किया गया है, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कोटद्वार को एक नई पहचान मिलेगी। श्री रावत ने कहा कि इस योजना से स्थानीय युवाओं का रोजगार के भी अवसर मिलेंगे। वन मंत्री श्री रावत ने कहा कि आज जो सौगात कोटद्वार को मिली है, उसके लिए मुख्यमंत्री श्री रावत का आभार है। वन मंत्री ने बताया कि आज सोना नदी गेट से शुभारंभ करते हुए 6 सफारी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ.धन सिंह रावत, लैंसडाॅन विधायक श्री दिलीप रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दीप्ति रावत, प्रमुख वन संरक्षक डाॅ.आर.के. महाजन, एम.डी. इको टूरिज्म विकास निगम श्री अनूप मलिक आदि उपस्थित थे।