नई दिल्ली: कोयला मंत्रालय के साथ-साथ इससे सम्बद्ध कार्यालयों और कोयला मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण वाले सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) में 16 अगस्त 2017 से लेकर 31 अगस्त 2017 तक के पखवाड़े के दौरान स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया।
पखवाड़े का औपचारिक शुभांरभ स्वतंत्रता दिवस अर्थात 15 अगस्त 2017 को किया गया। स्वच्छता पखवाड़े के शुभांरभ के अवसर पर विशेष गतिविधियां आयोजित की गईं।
कोयला सचिव श्री सुशील कुमार ने मंत्रालय और पीएसयू की स्वच्छता कार्य योजना की समीक्षा के लिए एक पखवाड़ा पूर्व बैठक आयोजित की। पखवाड़े के प्रथम सप्ताह के दौरान आयोजित की गई गतिविधियों की समीक्षा के लिए पखवाड़े के मध्य में भी एक बैठक आयोजित की गई। इन बैठकों के दौरान कोयला सचिव ने ‘स्वच्छता’ को एक जन आंदोलन का स्वरूप देने की दिशा में कार्य करने पर विशेष जोर दिया, ताकि इससे लोगों के व्यवहार एवं आचरण में परिवर्तन आए और इस तरह से यह टिकाऊ साबित हो।
पखवाड़े के दौरान विशेष बात यह रही कि इस दौरान बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रम पर विशेष जोर दिया गया जिसमें फलदार पौधे, लकड़ी और औषधीय पौधे शामिल रहे। इस दौरान एक साल तक पौधों की देखरेख करने और उन्हें पर्याप्त जल मुहैया कराने का प्रावधान किया गया। पखवाड़े के दौरान पांच लाख से ज्यादा पौधों का रोपण किया गया।
कुछ विशिष्ट गतिविधियों का उल्लेख नीचे किया गया है :
‘कोल नीर’ के ब्रांड नाम के तहत पेयजल के उत्पादन के लिए एक संयंत्र की स्थापना की गई और पातानस्वांगी भूमिगत कोयला खदान में एक रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) जल शुद्धिकरण परियोजना शुरू की गई। इस संयंत्र में प्रति घंटे 10,000 लीटर पानी को परिशोधित करने की क्षमता है।
महानदी के घाट पर विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया गया।
तमिलनाडु के वृहदाचलम स्थित मणिमुक्ता नदी में लगभग 1.5 किलोमीटर खंड की साफ-सफाई की गई। इस मुहिम में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के 2000 स्वंयसेवकों को शामिल किया गया।
तीन जिलों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) करने के लिए झारखंड सरकार को धनराशि मुहैया कराई गयी।
इसके अलावा सभी इकाइयों को स्कूलों, अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और आगनवाड़ी केन्द्रों की साफ-सफाई में शामिल किया गया। विद्यार्थियों और कर्मचारियों को इस प्रक्रिया का एक हिस्सा बनाया गया। स्रोत पर ही कचरे को अलग-अलग रखने के लिए स्कूलों और अस्पतालों में तीन विभिन्न कूड़ेदान रखे गये ताकि ठोस कचरे का समुचित निपटान किया जा सके।
गांवों में पीएसयू के कमांड क्षेत्र में अवस्थित तालाबों, कुओं, टैंकों, जल संग्रहण सुविधाओं, गलियों एवं सड़कों की साफ-सफाई का काम शुरू किया गया।
व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण की स्वच्छता पर स्वच्छ भारत जागरूकता सत्र भी आयोजित किये गये। इनमें कीटनाशक अभियान, स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर, स्वच्छता किट का वितरण शामिल हैं।
अंत में, जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक, निबंध लेखन, चित्रकला, वाद-विवाद, नारा (स्लोगन), दीवार चित्रकला प्रतियोगिताएं, स्वच्छता संबंधी परिचर्चाएं, संगोष्ठियां, स्वच्छता रैलियां एवं बैनरों व पोस्टरों का प्रदर्शन करने जैसी गतिविधियां स्कूलों और गांवों में आयोजित की गईं।
स्वच्छता को बढ़ावा देने और पीएसयू के प्रयासों को मान्यता देने के लिए प्रत्येक पीएसयू की सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाली इकाइयों/सहायक इकाइयों को रनिंग शील्ड प्रदान की जा रही है।
कोयला मंत्रालय ने विभिन्न गतिविधियों के विवरण, फोटो और भू-टैगिंग के साथ वीडियो को पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के ‘स्वच्छता समीक्षा’ पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।
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