नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आज यहां राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता (एमएसडीई) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी और गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे। इस एमओयू से एनएसडीसी ‘सेवानिवृत्त और सेवानिवृत्त होने वाले बीएसएफ कर्मियों के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाली आबादी को कौशल प्रशिक्षण’ प्रदान करेगा।
श्री रूडी ने इस अवसर पर कहा कि ढाई साल पहले एनडीए सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय बनाने तक कौशल विकास का क्षेत्र उपेक्षित था। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक विरासत के कारण कौशल विकास हमेशा से ही उपेक्षित रहा जबकि मानव संसाधन विकास का ध्यान केवल अकादमिक शिक्षा तक ही केंद्रित था। 1956 में भारत सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की स्थापना की जिसे सलाहकार निकाय – राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा नियमित किया गया और आज आईटीआई लगभग 23 लाख छात्रों को प्रशिक्षित कर रहा है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है और कुशल जन बल की काफी मांग है तथा एनएसडीसी का उद्देश्य मांग को पूरा करना है।