नई दिल्ली: कौशल विकास मंत्रालय ने शारदा प्रसाद समिति पर आम लोगों से इस महीने की 10 तारीख तक टिप्पणियां/सुझाव आमंत्रित किए हैं। समिति क्षेत्र कौशल परिषदों की समीक्षा करने, विवेकपूर्ण बनाने तथा उसके कामकाज को इष्टतम बनाने के लिए गठित की गई थी। इसकी रिपोर्ट हाल ही में मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है। यह रिपोर्ट 25 अप्रैल, 2017 को सार्वजनिक की जा चुकी है, ताकि हितधारकों को क्षेत्र कौशल परिषद के कामकाज को विवेकपूर्ण बनाने एवं इष्टतम बनाने के लिए इससे जोड़ा जा सके। यह रिपोर्ट http://msde.gov.in/report-ssc.html पर उपलब्ध है।
यह रिपोर्ट तीन खंडों में उपलब्ध है। मुख्य रिपोर्ट पहले खंड में है, जो देश की व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रणाली के सामने आ रही बड़ी चुनौतियों तथा क्षेत्र कौशल परिषदों के संयोजन, समन्वय एवं विवेकीकरण से संबंधित है। दूसरे खंड में अध्याय वार तरीके से परिशिष्टों का संकलन किया गया है। तीसरे खंड में राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण, 2008 के साथ राष्ट्रीय व्यवसाय वर्गीकरण के मानचित्र दिए गए हैं।
मंत्रालय अब रिपोर्ट तथा उसमें की गई अनुशंसाओं की जांच करने की प्रक्रिया में है।
क्षेत्र कौशल परिषद (एसएससी) उद्योग आधारित एवं उद्योग शासित निकाय हैं, जिन्हें सभी हितधारकों द्वारा किये जा रहे कौशल विकास प्रयास सुनिश्चित करने का अधिदेश दिया गया है। ये उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप हैं तथा राष्ट्रीय पेशागत मानकों/सक्षमता मानकों और योग्यता पैक्स (क्यूपी) विकसित करते हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने विभिन्न क्षेत्रों में 40 एसएससी के गठन को मंजूरी दी है। राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता नीति, 2015 के तहत दिए गए अधिदेश के अनुसार एसएससी का अभिसरण एवं इष्टतम कामकाज सुनिश्चित करने के लिए एक समिति के गठन का फैसला किया गया था। इस समिति का कार्य एसएससी के कामकाज की समीक्षा करना तथा उनके समग्र विकास के लिए एक रोड मैप उपलब्ध कराना था, जिससे कि कौशल प्रणाली का कारगर विकास सुनिश्चित किया जा सके।
इस समिति का गठन भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय के पूर्व महानिदेशक श्री शारदा प्रसाद की अध्यक्षता में क्षेत्र कौशल परिषदों के कामकाज को युक्तिसंगत तथा इष्टतम बनाने के लिए 18 मई, 2016 को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा किया गया था।
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