देहरादून: पीएमकेवीवाई के स्टेट कंपोनेंट में देश का प्रथम प्रशिक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड में।
उत्तराखण्ड राज्य प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 के स्टेट कॅपोनेंट के अन्र्तगत देश का प्रथम प्रशिक्षण केन्द्र संचालित करने वाला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को आईआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्टेट कम्पोनेंट के प्रथम प्रशिक्षण केन्द्र डोभालवाला, रायपुर देहरादून का प्रशिक्षणार्थियों को टूलकिट वितरित कर विधिवत उद्घाटन किया। यह केन्द्र स्क्लिप्रो टैक्नोलाॅजी प्राईवेट लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस केन्द्र में फील्ड टैक्निशियन-कम्प्यूटिंग एण्ड पेरीफेरल के क्षेत्र में 60 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्क्लिप्रो टैक्नोलाॅजी प्राईवेट लिमिटेड द्वारा नेपाली फार्म तिराहा पर भी यूजीटीई के नाम से प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किया जा रहा है, जिसमें मल्टीकुसाईन कुक एवं फूड बेवरेज सर्विसेस के क्षेत्र में 120 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। एक लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कौशल विकास की हर क्षेत्र में जरूरत है।
एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे।
योजनाकारों से लेकर अप्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं तक सभी को इसकी जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आई.टी.आई. और अन्य संस्थाओं में प्रशिक्षक/ट्रेनर्स को भी नियमित अपडेट रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रोजगार देने की जिन पर जिम्मेदारी है, वो भी अपडेट रहें। प्रशिक्षण देने के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करते रहें। सरकार का लक्ष्य है कि एक लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि टाटा ट्रस्ट के सहयोग से चमोली और पिथौरागढ में दो आवासीय स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किये गये है। यहां अन्य ट्रेड्स के साथ आपदा प्रबंधन कार्य और हाॅस्पिटैलिटी का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। राज्य में कौशल विकास मंत्रालय भी प्रारंभ कर दिया गया है। उत्तराखण्ड का मानव संसाधन बेहतरीन है। इसमें कौशल विकास को जोड़कर इसका मूल्यवर्द्धन किया जा सकता है।
कौशल विकास से स्वरोगार को बढ़ावा
प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत ने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में कौशल विकास हेतु ब्लाॅक स्तर तक ढांचा उपलब्ध है।
अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कहा कि प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रों में संभावनाएं सीमित होने के कारण कौशल विकास में सेवा क्षेत्र में रोजगार सृजन किया जा सकता है। विधायक श्री खजान दास ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में विधायक श्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।
कौशल विकास की गुणवत्ता को लेकर एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित।
कार्यक्रम में उत्तराखण्ड स्किल डेवलपमेंट मिशन और डोमेस्टिक वर्कर स्किल काउंसिल के मध्य कौशल विकास की गुणवत्ता वृद्धि को लेकर एक एम.ओ.यू. भी हुआ। यह एम.ओ.यू यू.के.एस.डी.एम. के निदेशक डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय और स्किल काउंसिल के सीईओ मे.जन(रिटायर्ड) मनीष सबरवाल के मध्य हस्ताक्षरित हुआ।
उत्तराखण्ड स्किल डेवलपमेंट मिशन की भविष्य की कार्ययोजना।
यू.के.एस.डी.एम. के निदेशक डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि मिशन द्वारा 05 आई.टी.आई. में हाउसकीपींग क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। मिशन द्वारा जिला कारागार, देहरादून में प्रशिक्षण प्रारम्भ किये जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। आई.टी.आई. देहरादून और काशीपुर में ब्यूटी एण्ड वेलनेस सेक्टर के क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु सेंटर आॅफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। मिशन द्वारा 05 क्षेत्रों में रिकाॅगनिशन आॅफ प्रायर लर्निंग(आर.पी.एल.) में किये जाने हेतु प्रस्ताव नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल(एन.एस.डी.सी.) को प्रेषित किये गये है। मिशन द्वारा राज्य की कौशल जनशक्ति की मांग एवं उपलब्धि के आंकलन हेतु स्किल गैप स्टडी करायी जा रही है, जिस हेतु कार्यदायी संस्था का चयन किया जा चुका है। मिशन द्वारा राज्य की स्किल पाॅलिसी तैयार किये जाने का कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड स्किल डेवलपमेंट मिशन की उपलब्धिया।
इस अवसर पर यू.के.एस.डी.एम. के निदेशक डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार की महत्वकांक्षि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 का राज्य में क्रियान्वायन उत्तराखण्ड कौशल विकाश मिशन द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत आगामी तीन वर्षों में 44000 युवाओं को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है। तथा वर्ष 2017-18 में 13200 युवाओं को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है। उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन द्वारा वर्ष 2016-17 में कुल 120 प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से 12963 युवाओं को 32 विभिन्न क्षेत्रों में निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिनमें 6627 महिलाएं एवं 6067 पुरूष है। जिला कारागार, देहरादून एवं हरिद्वार तथा नारी निकेतन, देहरादून में 836 बन्दियों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया ताकि वे रिहा होने पर उक्त प्रशिक्षण के आधार पर रोजगार/स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर बेहतर जीवन यापन कर सकें। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन द्वारा आम जनता को कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ’कुशल उत्तराखण्ड एप’ विकसित की गई है। इस एप के माध्यम से कोई भी अपनी आवश्यकतानुसार अपने क्षेत्र में उपलब्ध कुशल कार्मकार से संपर्क कर सकता है। वर्तमान में इस एप में 13000 से अधिक कर्मकार पंजीकृत है। उत्तराखण्ड कौशल विकास समिति को सूचना प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग हेतु पेरिस में आयोजित द्वितीय विश्व कौशल सम्मेलन में सम्मिलित किया गया है। आई.टी.आई. हरिद्वार एवं देहरादून में सीसीटीवी सिक्यूरिटी कैमरा का इन्सटाॅलेशन एण्ड रिपेयर का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।