लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत उद्यमियों का चयन प्रचार-प्रसार करके किया जाता है, उसके उपरान्त उनको स्थानीय तौर पर ही 15 दिन का ग्रामोद्योगी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है,
जिसके अन्तर्गत उद्यमी उत्प्रेरणा, रोजगार चयन, वित्त पोषण प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण, विपणन, आदि उद्योग स्थापना से सम्बन्धित बिन्दुओं पर क्लासरूम प्रशिक्षण एवं क्रियात्मक प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण उपरान्त मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत इनका वित्तपोषण करके ग्रामोद्योगी इकाई स्थापित करायी जाती है। व्यावहारिक प्रशिक्षण योजना हेतु रू0 50.00 लाख की धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं जिससे 1250 व्यक्तियों को प्रतिवर्ष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में रू0 50.00 लाख का प्राविधान किया गया है जिसके सापेक्ष 1250 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
ग्रामीण उद्यमियों की पुरस्कार योजना के अन्तर्गत ग्रामीण उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए उक्त योजना संचालित की गयी है। जिसके अन्तर्गत अच्छी ग्रामोद्योगी इकाईयों के प्रतिनिधि को मण्डल स्तरीय कमेटी से चयन के उपरान्त पुरस्कृत किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में धनराशि रू0 5.00 लाख का प्राविधान किया गया है, जिसमें कि प्रदेश के 03 उत्कृष्ट उद्यमियों एवं प्रदेश के समस्त 18 मण्डलों के उत्कृष्ट उद्यमियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।
जनश्री बीमा योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत परम्परागत कारीगरों एवं हस्तशिल्पियों को जनश्री बीमा योजनान्तर्गत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना प्रस्तावित की गयी है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना हेतु रू0 16.40 लाख का प्राविधान किया गया है जिसमें कि रू0 15.94 लाख का व्यय करते हुए 127489 खादी कामगारों को आच्छादित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में इस योजना हेतु रू0 16.00 लाख का प्राविधान किया गया है जिससे 127283 खादी कामगारों को आच्छादित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में भी 127283 खादी कामगारों को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है।