नई दिल्ली: खान सचिव श्री अरुण कुमार ने आज नई दिल्ली में प्रमुख खनिज उत्पादक राज्यों की समन्वय एवं उच्च अधिकार प्राप्त समिति (सीसीईसी) की बैठक की अध्यक्षता की। 17 राज्यों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया। बैठक में मुख्य रूप से 2017-18 के लिए खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी के लिए राज्यों की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया गया। सात राज्यों ने खान सचिव को बताया कि वर्ष 2017-18 की बकाया अवधि के दौरान ई-नीलामी के लिए 71 ब्लॉकों की पहचान की गई है।
इन ब्लॉकों में आंध्र प्रदेश में 6 ब्लॉक (2 सोना, 4 सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर), छत्तीसगढ़ में 11 ब्लॉक (3 बॉक्साइट, 7 चूना पत्थर), गुजरात में 12 ब्लॉक (3 बॉक्साइट, 9 चूना पत्थर), झारखंड में 9 ब्लॉक (1 बॉक्साइट, 3 चूना पत्थर , 1 स्वर्ण, 1 ग्रेफाइट, 2 पन्ना, 1 लौह अयस्क) महाराष्ट्र में 18 ब्लॉक (4 बॉक्साइट, 7 चूना पत्थर, 1 स्वर्ण, 1 ग्रेफाइट, 2 मैंगनीज, 2 लौह अयस्क, 2 कॉपर), ओडिशा में 7 ब्लाकों में (1 चूना पत्थर , 1 ग्रेफाइट, 5 लौह अयस्क) और राजस्थान में 8 ब्लॉक (7 चूना पत्थर, कॉपर 1) शामिल हैं।
खान सचिव श्री अरुण कुमार ने सीसीईसी बैठक को संबोधित करते हुए राज्यों से नीलामी में तेजी और उस पर नजर रखने को कहा, क्योंकि खान और खनिज (विकास एवं नियमन) की धारा 10ए (2)(सी) के कारण बड़ी संख्या में लीज समाप्त हो गई है, जिनका केवल नीलामी के माध्यम से ही आवंटन होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी तक की गई नीलामियों से राज्यों को 85250 करोड़ रूपये प्राप्त होंगे, जिसमें 50 वर्षों की अवधि में 67,501 करोड़ रुपए की नीलामी के कारण प्राप्त अतिरिक्त योगदान है। केवल चार राज्य ही इस राशि का 90 प्रतिशत ले लेते है। अन्य राज्यों को भी अपनी खनन नीलामी में तेजी लाने की जरूरत है।
सीसीईसी बैठक में खनिज क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे – गौण खनिज नियमों, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के अधीन लागू परियोजनाओं की स्थिति और खनन द्वारा प्रभावित व्यक्तियों के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 12 जनवरी, 2015 से लागू एमएमडीआर संशोधन अधिनियम के बाद जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ)के सृजन के बारे में विचार विमर्श किया गया। बैठक में खनन किराया प्रणाली (एमटीएस), कार्यान्वयन, खनन निगरानी प्रणाली खानों की स्टार रेटिंग और मार्च 2020 में समाप्त हो रही खनन लीज की नीलामी के लिए कार्य योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई।