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गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति की प्रतीक है: मुख्यमंत्री

गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति की प्रतीक है: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति की प्रतीक है। गंगा हम सभी की माँ है। गंगा के इस महत्व को देखते हुए न्याय पालिका ने इसके सम्बन्ध में कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ के नाम से सांस्कृतिक विरासत को पुनस्र्थापित व पुनर्जीवित करने का अभियान प्रारम्भ किया।
मुख्यमंत्री आज वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित स्वच्छ गंगा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना में प्रधानमंत्री जी ने 20 हजार करोड़ रुपए के फण्ड की व्यवस्था की। पूरे देश के अन्दर गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए गंगोत्री से लेकर गंगा-सागर तक एक अभिनव कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गंगा के किनारे के 25 जनपदों के 108 विकास खण्डों की 1011 ग्राम पंचायतों के 1627 ग्रामों के प्रधानों एवं जनप्रतिनिधियों से गंगा को सुरक्षित रखे जाने की बात कहते हुए कहा कि हमें स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देते हुए खुले में शौच को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान एक बड़ा अभियान है। लक्ष्य बड़ा है, लेकिन इस लक्ष्य को केवल सरकार के भरोसे ही प्राप्त नहीं किया जा सकता। इस कार्य को जनसहभागिता से ही पूरा किया जा सकता है। इस अभियान के तहत गंगा किनारे की 1627 गांवों में अब तक 4,43,718 व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है, जिसके लिए लगभग 616 करोड़ रुपए की धनराशि अब तक दी गयी, जिसमें से 500 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की जा चुकी है।
योगी जी ने नवनिर्मित शौचालयों के उपयोग किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इंसेफ्लाइटिस बीमारी, खुले में शौच एवं गन्दगी से फैलती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों को 02 अक्टूबर, 2018 तक खुले में शौचमुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 25 ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायती राज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह ने की।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 25 जनपदों के गंगा के किनारे के 1627 ग्रामों को खुले में शौचमुक्त करने का कार्य किया गया है। गंगा की धारा को फिर से निर्मल करने और उसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे परियोजनाओं शुरू की गई है। इसके अन्तर्गत ग्रामवासियों के लिए शौचालयों का निर्माण कराकर और उनके साफ-सफाई सम्बन्धी व्यवहार में परिवर्तन लाकर इन गांवों को खुले में शौचमुक्त कराने से गंगा को मलिन होने से बचाने में बड़ी सफलता मिली है। स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम वर्तमान में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में शामिल है।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, होमगाड्र्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल राजभर, सूचना राज्यमंत्री डाॅ0 नीलकंठ तिवारी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा गंगा किनारे स्थित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान मौजूद थे।

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