देहरादून: प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त द्वारा विधान सभा अपने कक्ष में राज्य में अवस्थित सहकारी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना किसानों को देय गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने तथा चीनी मिलों के कार्यकलापों एवं वित्तीय स्थिति के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की गयी।
सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, उत्तराखण्ड शासन विनोद शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2016-17 में कुल 341.17 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 33.33 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया, जो कि गत् पेराई सत्र 2015-16 से अधिक है। पेराई सत्र 2016-17 में राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के चीनी परता प्रतिशत में गत् वर्ष की अपेक्षा लगभग 0.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैै। यह भी अवगत कराया गया कि मंत्रिमण्डल के गठन के पश्चात् दिनांक 18.03.2017 से वर्तमान तक निजी क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा 119.51 करोड़, सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा रु0 17.76 करोड़, कुल रु0 137.27 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
मा0 मंत्री द्वारा प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लि0, को निर्देश दिये गये कि चीनी मिलों में भण्डारित चीनी को त्वरित गति से बेचने का प्रयास किया जाए जिससे कि गन्ना मूल्य भुगतान और किया जा सके। साथ ही चीनी मिलों में भण्डारित शीरे की भी शीघ्र बिक्री की जाए।
सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि चीनी मिल गदरपुर के बन्द होने के पश्चात् चीनी मिल गदरपुर में 118 एकड़ भूमि तथा उपकरण आदि निष्प्रयोज्य पड़े हुए है तथा चीनी मिल गदरपुर पर बैंक तथा कर्मचारियों की देनदारियाँ भी लम्बित हैं। मा0 मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि चीनी मिल गदरपुर के विषय में सुस्पष्ट प्रस्ताव तैयार कर मिल के विषय में निर्णय लिये जाने हेतु मा0 मंत्रिमण्डल के सम्मुख प्रस्तुत किया जाए।
अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के गन्ना मूल्य भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर ऋण दिया गया है। चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति ऋणात्मक होने के कारण मिलें मूलधन व ऋण की अदायगी करने में असमर्थ हैं तथा इसके कारण सभी मिलों की नैटवर्थ ऋणात्मक हो गयी है जिसके कारण कोई भी वित्तीय संस्था चीनी मिलों को ऋण नहीं दे रही हैं। मा0 मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को दिये गये ऋण व ब्याज को माफ किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु प्रस्ताव शीघ्र मा0 मंत्रिमण्डल के सम्मुख प्रस्तुत किया जाए। चीनी मिल बाजपुर में स्थापित आसवनी के आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में मा0 मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि शीघ्र ही शासन स्तर पर उचित निर्णय लिया जाएगा, जिससे कि बाजपुर आसवनी में पुनः उत्पादन हो सके।
मा0 मंत्री द्वारा सभी प्रधान प्रबन्धकों/अधिशासी निदेशकों को निर्देश दिये गये कि चीनी मिलों के मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य शीघ्र किया जाए जिससे कि आगामी पेराई सत्र समय से प्रारम्भ करने में कोई कठिनाई उत्पन्न न हो।
बैठक में प्रदीप सिंह रावत, अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, उत्तराखण्ड शासन, श्रीमती दीप्ति सिंह, अधिशासी निदेशक, चीनी मिल किच्छा, भगवत किशोर मिश्र, अधिशासी निदेशक, चीनी मिल डोईवाला, राहुल गोयल, प्रधान प्रबन्धक, चीनी मिल बाजपुर, विनीत जोशी, प्रधान प्रबन्धक, चीनी मिल सितारगंज, ए0के0 भट्टाचार्य, महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लि0, तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।