लखनऊ: उत्तर प्रदेश उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उद्धृत करते हुए कहा कि नर ही नारायण है तथा नारायण की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा करना ही मानव धर्म है। पंडित दीनदयाल जी के सपनों को साकार करने के लिए आवश्यक है कि मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित सुविधाओं को समाज के अंतिम एवं सबसे कमजोर व्यक्ति तक पहुँचाया जाय।
उप मुख्यमंत्री आज यहां साइंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर, के.जी.एम.यू. में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह पर आयोजित ‘पंडित दीन दयाल उपाध्यायः दर्शन एवं सामाजिक समरसता में अन्त्योदय की भूमिका’ तथा अंतिम व्यक्ति का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विषयक गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रकृति से तारतम्य न होना भी रोग का एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि आज के डाक्टर गांवों में नहीं जाना चाहते हैं। गांवों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का विकास ही एक मात्र उपाय है, जिससे डाक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने के लिए आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार का ध्यान है तथा इसमें चिकित्सकों को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टंडन ने कहा कि स्वस्थ-समाज के लिए व्यक्ति का स्वस्थ होना आवश्यक है तथा चिकित्सा सुविधा देना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सपनों को साकार करने के लिए हमें अंतिम व्यक्ति तक की चिन्ता करनी होगी।
समारोह को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.एल. भट्ट, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वृन्दा प्रसाद मिश्र ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर श्री ब्रह्मदेव शर्मा ‘भाई जी’, नव निर्वाचित राज्यसभा सांसद डा. अशोक बाजपेयी के अलावा विश्वविद्यालय वरिष्ठ चिकित्सक गण, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र उपस्थित थे।