नई दिल्ली: गुजरात और हिमाचल प्रदेश की चुनावी तस्वीर साफ हो चुकी है. दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनेगी. हिमाचल प्रदेश की नतीजे कांग्रेस की मंशा के अनुरूप हैं. पार्टी ने वहां पहले से ही उम्मीद छोड़ रखी थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हिमाचल चुनाव को बहुत ज्यादा तवज्जों नहीं दी थी. सत्ता विरोधी रुझान भी था. हालांकि कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया वहां भी नहीं हुआ. सबसे ज्यादा ध्यान गुजरात चुनाव के नतीजों ने खींचा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पीएम मोदी के लिए गुजरात चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ था. पाटीदार आंदोलन, दलित आंदोलन के अलावा जीएसटी और नोटबंदी को बड़ा मुद्दा माना जा रहा था. बीजेपी गुजरात में जीत जरूर गई है लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से चुनाव से पहले 150 सीटों का जो मिशन तय किया था, वह पूरा नहीं हुआ. खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसके पीछे यह दलील थी.
चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी को इन राज्यों में कामयाबी मिली है. यह पीएम मोदी की नीतियों की जीत है. आजादी के 70 वर्षों के बाद हमारा लोकतंत्र करवट ले रहा है. इसलिए इन चुनावों के माध्यम से वंशवाद, ध्रुवीकरण और जातिवाद की हार हुई है. गुजरात में बीजेपी का जनसमर्थन 1.25 प्रतिशत बढ़ा है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत बढ़ा है. हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को दो तिहाई बहुमत मिलना दर्शाता है कि लोग पीएम मोदी के साथ विकास यात्रा में जुड़ना चाहते हैं.
यह पूछे जाने पर कि बीजेपी अपने मिशन को पूरा क्यों नहीं कर पाई? इसके जवाब में शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आउटसोर्सिंग से चुनाव लड़ा था. जाति की राजनीति की थी जिसकी वजह से हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिला.
उधर, बीजेपी की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की जनता को धन्यवाद दे दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जीत के इस तोहफे के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘जीता विकास, जीता गुजरात. जय जय गरवी गुजरात.’ बता दें कि गुजरात के चुनाव में काफी सारी चुनावी रैलियों और भाषणों के बाद आखिरकार आज इस पूर इम्तिहान का परिणाम आ गया और 22 सालों का सफर अब और 5 सालों के लिए बढ़ गया है.
बता दें कि गुजरात की 182 सीटों पर लड़ रहे 1828 उम्मीदवारों को चुनने के लिए करीब 4.35 करोड़ वोटर्स थे. 2012 में चुनाव लड़ चुके 121 विधायक इस बार फिर मैदान में थे. दो फेज में कुल 67.75% वोटिंग हुई. यह पिछले चुनाव से 3.55% कम है. 2012 में 182 सीटों पर 71.30% वोटिंग हुई थी. याद दिला दें कि गुजरात में 19 साल से BJP सत्ता में है, लेकिन 15 साल में पहली बार मोदी सीएम कैंडिडेट नहीं हैं. 2001 में केशुभाई पटेल के हटने के बाद नरेंद्र मोदी को सीएम बनाया गया था. उनकी अगुआई में बीजेपी ने 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता.
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