नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्च-2017 के दूसरे दिन की शुरूआत पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सुमन बिल्ला द्वारा पूर्वोत्तर में अवसरों की खोज प्रस्तुति द्वारा की गई। इस प्रस्तुतिकरण ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन उत्पाद और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए पर्यटन क्षेत्र में पर्यटन ढांचे के विकास, उन्नति और व्यापार, मानव संसाधन विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला।
इस प्रस्तुतिकरण के पश्चात ‘भारत के पूर्वोत्तर में संभावनाओं की खोज और बिम्सटेक, आसियान देशों और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के बीच अंतर क्षेत्रीय पर्यटन के विकास’ विषय पर पैनल विचार विमर्श किया गया। पूर्वोत्तर में पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन की प्रगति और विकास के लिए उनके संसाधनों को अनुकूल बनाने के लिए केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल पर केंद्रित था।
अधिकांश पूर्वोत्तर राज्य आसियान और बिम्सटेक देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं। इस सत्र में भविष्य में ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति पर भारत के बढ़ते हुए फोकस के संदर्भ में पर्यटकों की बढ़ोत्तरी की पहचान की गई। इस सत्र के मुख्य वक्ताओं में पर्यटन मंत्रालय की सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास क्षेत्र (डोनर) के सचिव श्री नवीन वर्मा, पूर्वोत्तर परिषद के सचिव श्री राम मुइवाह, असम (पर्यटन) के आयुक्त और सचिव श्री आर.सी. जैन, आईएटीओ के उपाध्यक्ष श्री राजीव कोहली और असम के टूर ऑपरेटर श्री अर्जित पुरकायस्थ शामिल थे।
सत्र – 2
दूसरे पैनल की परिचर्चा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सुअवसरों की प्रगति पर केंद्रित रही। इस क्षेत्र में सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन सचिवों ने प्रत्येक राज्यों के विशिष्ट उत्पादों को प्रस्तुत किया। सभी वक्ताओं में आम सहमति बनी कि इस क्षेत्र की क्षमता, शानदार जैव विविधता, वन्य जीवन, संस्कृति, हिम आच्छादित हिमालय, घने जंगल, विभिन्न धार्मिक पुण्य स्थल, पुरातन गांव, ऐतिहासिक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल, पाक-कला की विरासत संजोए जनजातियों में बसती है। पूर्वोत्तर ‘अनुभव (एक्सपेरिएन्शियल) पर्यटन’ के अति बेहतरीन अद्भुत अवसर प्रदान करता है।
इस सत्र में राज्यों के बीच सहयोग की संभावनाएं तलाशी गई, ताकि देश के अन्य क्षेत्रों से प्रमुख पर्यटक हितधारकों के बीच अंतर्राज्यीय पर्यटन क्षेत्र और पारस्परिक तालमेल को प्रोत्साहित किया जा सके। इस सत्र के वक्ताओं में पूर्व सचिव (पर्यटन) श्री एम.पी. बेज़बरूआ और भारतीय इको पर्यटन सोसायटी के सदस्य श्री स्वदेश कुमार, एटीओएआई के अध्यक्ष श्री पी.पी. खन्ना, एडीटीओआई के अध्यक्ष, पूर्वोत्तर परिषद के सलाहकार श्री गौतम चिन्ते शामिल रहे।
11 comments