नई दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, भारतीय महारजिस्ट्रार कार्यालय (आरजीआई) और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
गृहमंत्री ने असम में नागरिकों के राष्ट्रीय पंजीकरण (एनआरसी), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण से संबंधित कार्य संपन्न होने, नागरिक पंजीकरण प्रणाली में सुधार और सुदृढ़ीकरण के उपाय तथा 2021 में होने वाली जनसंख्या गणना के लिए खाका तैयार करने की प्रगति पर चर्चा की। आरजीआई ने संगठन के भाषा, सामाजिक अध्ययन और नक्शे के वर्गीकरण से संबंधित अन्य कार्यों के बारे में भी जानकारी दी।
असम में एनआरसी की स्थिति के संबंध में जानकारी दी गई कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार उन 1.9 करोड़ आवेदकों की खाका सूची तैयार कर ली गई है जिनकी सत्यापन प्रक्रिया संपन्न हो गई है। इस सूची को 31 दिसंबर, 2017 को प्रकाशित भी कर दिया गया है। शेष आवेदकों की खाका सूची उनके सत्यापन संपन्न होने के बाद प्रकाशित की जाएगी। यह प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से की जा रही है। संपूर्ण खाका एनआरसी के प्रकाशन के बाद दावें और आपत्तियां आमंत्रित की जाएगी।
केंद्रीय गृहमंत्री को जानकारी दी गई कि अधिकतर राज्यों में 2015 में कराए गए राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण से संबंधित कार्य संपन्न हो गए हैं। जनगणना 2021 के संबंध में 2018 में किए जाने वाले आवश्यक कार्यों पर भी चर्चा की गई। इनमें चयनित राज्यों में डिजाइन सुदृढ़ करना, हितधारकों की बैठक और प्रायोगिक अभ्यास शामिल है। मंत्री महोदय को नागरिक पंजीकरण प्रणाली की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर जन्म पंजीकरण स्तर 88 प्रतिशत और मृत्यु पंजीकरण स्तर 76.6 प्रतिशत है। हाल ही में सैम्पल पंजीकरण प्रणाली के तहत 2016 के लिए महत्वपूर्ण दर जारी की गई है जिसके अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर जन्म दर 20.4 और मृत्यु दर 6.4 तथा शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 34 है। गृहमंत्री द्वारा सभी गांवों और कस्बों के बारे में भौगोलिक नक्शे की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।