18.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

गृह मंत्री आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्लीः केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह सोमवार, 15 जनवरी, 2018 को यहां आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा पर दो दिवसीय अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यशाला का आयोजन राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने आपदा जोखिम कम करने संबंधी संयुक्‍त राष्‍ट्र कार्यालय (यूएनआईएसडीआर) के सहयोग से किया है।

यह कार्यशाला विभिन्‍न सामाजिक, आर्थिक पृष्‍ठभूमि और भौगोलिक विशेषताएं लिए हुए  दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों-चिली से ऑस्‍ट्रेलिया और जापान से श्रीलंका तक के देशों को एक साथ लाएगी। यह कार्यशाला आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा निर्माण की दिशा में इन देशों के अनुभवों से सीखने का अच्‍छा अवसर होगा।

कार्यशाला में बहुउदेशीय विकास बैंकों, संयुक्‍त राष्‍ट्र, निजी क्षेत्र और शैक्षणिक संस्‍थान एक स्‍थान पर आकर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में श्रेष्‍ठ कार्यों की पहचान करेंगे और वर्तमान कार्य प्रणालियों से जुड़े प्रमुख मुद्दों और उनके समाधान के तरीकों का पता लगाएंगे। इस कार्यशाला का उद्देश्‍य आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा पर विचार-विमर्श और वैश्विक सहयोग बढ़ाना है। 

कार्यशाला के सत्रों के बारे में संक्षिप्‍त जानकारी

आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा: अवसर और चु‍नौतियां

इस सत्र में बुनियादी ढांचा विकास के बारे में विस्‍तृत विचार-विमर्श किया जाएगा जिसमें वर्तमान कार्य प्रणालियों की सीमाओं; वर्तमान परिसम्‍पत्तियों के लिए दिखाई दे रहे खतरों, आपदाओं का प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, फायदेमंद पारिस्थितिकी तंत्र, नियंत्रित मानक, भविष्‍य की प्रमुख परियोजनाओं में प्रतिरोधक निर्माण के अवसरों और क्षेत्रीय भूमिकाओं को उजागर किया जाएगा।

तकनीकी सत्र

तकनीकी सत्र निम्‍नलिखित क्षेत्रों पर आधारित होगा:

  1. प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में जोखिम प्रबंधन – 

कार्यशाला के दौरान विशिष्‍ट बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में जोखिम प्रबंधन से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श होगा।

  • आपदा नियंत्रण बुनियादी ढांचा: इस बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा कि बुनियादी ढांचे में प्रतिरोधक निर्माण कैसे किया जाए। खासतौर से उन लोगों के लिए जो जोखिम वाले स्‍थानों में रहते हैं उदाहरण के लिए तूफान से बचने के आश्रय।
  • परिवहन: इसमें आपदा प्रतिरोधक परिवहन बुनियादी ढांचा जैसे सड़कें, पुल, सुरंगे, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे आदि के बेहतर निर्माण पर चर्चा होगी।
  • ऊर्जा: इसमें बिजली पारेषण और ऐसी वितरण लाइनें डालने के तरीकों के बारे में चर्चा होगी जो प्राकृतिक खतरों से बचा सकें। इसमें बिजली संयंत्रों के डिजाइन और संचालन मानकों से जुड़े अध्‍ययन प्रस्‍तुत किए जाएंगे।
  1. जोखिम आंकलनमानकडिजाइन और बुनियादी ढांचा विकास के लिए नियामकपरिचालन और रख-रखाव-

जोखिम आंकलन संभावित खतरों की पहचान करने और उनका विश्‍लेषण करने की प्रक्रिया है।

इस सत्र में बुनियादी ढांचे से जुड़े नए आपदा जोखिम आंकलनों को शामिल करने की चुनौतियों; आंकड़े एकत्र करने के तरीकों में मानकीकरण का अभाव और आपदा जोखिम आंकलनों में उसके प्रभाव का अध्‍ययन किया जाएगा।

डिजाइन मानकों के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा; बुनियादी ढांचे के निर्माण के दौरान तय मानकों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं इसकी जांच में नियामक किस प्रकार भूमिका निभाते हैं।

  1. आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए वित्त पोषण

इस सत्र में इस बारे में विचार किया जाएगा कि किस प्रकार सरकारें, खास तौर से विकासशील देश आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा तैयार करने में धनराशि का अधिकतम इस्‍तेमाल किस प्रकार करेंगे। अधिकतर विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा सार्वजनिक स्‍वामित्‍व में है। सीमित बजट के भीतर अधिकतम लाभ एक बड़ी चुनौती है विशेषज्ञ लागत बढ़ाए बिना निर्माण के तरीकों पर चर्चा करेंगे। बीमा कंपनियों, बहुउद्देशीय विकास बैंकों और निजी निवेशकों की भूमिका; अधिक प्रतिरोधक बुनियादी ढांचे के लिए कम ब्‍याज दर पर ऋण की संभावना इस सत्र के प्रमुख विषय हैं।

  1. आपदा के बाद पुनर्निर्माण और नाजुक बुनियादी ढांचे की बहाली

पैनल इस बारे में चर्चा करेगा कि आपदा के बाद संचार सुविधा में सुधार करने के‍ लिए किस प्रकार नाजुक बुनियादी ढांचे की पहचान की जाए और तेजी से सेवाएं शुरू की जाए।

पृष्‍ठभूमि

भारत उन शुरुआती देशों में से है जिन्‍होंने आपदा जोखिम कम करने के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क पर आधारित राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार की। अब यह उस वैश्विक गठबंधन की अगुवाई करेगा जो नाजुक बुनियादी ढांचे के नुकसान को कम करने की दिशा में कार्य करेगा।

आपदा जोखिम कम करने के बारे में एशियाई मंत्रियों का सम्‍मेलन नवम्‍बर, 2016 में नई दिल्‍ली में हुआ था। इसमें ‘सेंडाई फ्रेमवर्क लागू करने के लिए एशिया क्षेत्रीय योजना’ को अपनाया गया। इस दौरान भारत ने प्रतिरोधक निर्माण की दिशा में प्रतिबद्धता दिखाई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 10 सूत्रीय एजेंडा की घोषणा की जिसका पहला बिंदु था ‘‘आपदा प्रतिरोध बुनियादी ढांचे की दिशा में कार्य ताकि सभी विकास परियोजनाएं- हवाई अड्डों, सड़कों, नहरों, अस्‍पतालों, स्‍कूलों, पुलों आदि का निर्माण उचित मानकों के साथ हो’’।

Related posts

12 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More