नई दिल्लीः गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू और जापान के केबिनेट ऑफिस में नीति समन्वयन उप मंत्री श्री मामोरू मेकावा के साथ प्रथम द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह वार्ता सितंबर 2017 में जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो अबे के दौरे के दौरान आपसी सहयोग के लिए किए गए समझौते की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में की गई। दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग की प्रतिबद्धता पर संतोष जाहिर किया। यह बैठक आपदा जोखिम में कमी, 2018 पर पहली भारत- जापान कार्यशाला के अवसर पर गृह राज्य मंत्री द्वारा दिए जाने वाले रात्रि भोज से पूर्व सांय काल में आयोजित की गई। इसमें दोनों देशों के बीच पारस्परिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने और अन्य विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। सितंबर, 2017 में जापान के प्रधानमंत्री द्वारा अहमदाबाद की यात्रा में जनता द्वारा दिए गए हार्दिक स्वागत को याद किया गया। श्री रिजिजू ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पारस्परिक मूल्यों, राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक हितों ने भारत-जापान के प्रगाढ़ संबंधों को मजबूत आधार प्रदान किया है।
उच्च गति वाली रेल जैसी प्रमुख परियोजनाओं में भारत के लिए जापान के निवेश और सहयोग के लिए कृतज्ञता प्रकट करते हुए श्री रिजिजू ने भारत की पूर्व की तरफ कार्य करने की नीति और जापान की मुक्त और खुली इंडो-प्रशांत रणनीति की समानता पर प्रकाश डाला। श्री रिजिजू ने आपसी संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सभी संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया ताकि मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का बहुआयामी साझेदारी और सहयोग बनाने के लिए लाभ उठाया जा सके।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में विकास कार्यों के लिए इंडिया-जापान एक्ट ईस्ट फोरम के अंतर्गत चर्चा आरंभ होने पर दोनों पक्षों ने खुशी जाहिर की। श्री रिजीजू ने आपदा प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा संयुक्त मंच स्थापित करने के लिए साझेदार देश के रूप में जापान से सक्रिय सहयोग के लिए और “डिजास्टर रिडक्शन और रिकवरी” 2020 के लिए सार्वभौमिक सुविधा के सह-प्रमुख बनने के लिए भारत की मांग का समर्थन करने का भी अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने आपदा जोखिम कटौती विशेषतः शीघ्र चेतावनी प्रणाली, भूकंप जोखिम प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण, सुनामी की तैयारी और सुनामी जोखिम कटौती के क्षेत्रों में सूचना, प्रौद्योगिकी और सहयोग के आदान-प्रदान का भी स्वागत किया। गृह राज्य मंत्री ने ठोस कार्य जैसे संयुक्त भारत के कुछ स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित करने की भी इच्छा जाहिर की। डीआरआर पर आयोजित कार्यशाला में भाग लेने के लिए भारत आने वाले श्री मामोरू मेकावा ने द्विपक्षीय बैठक में की गई चर्चा के अनुसार और कार्यशाला में की जाने वाली चर्चा के अनुसार ठोस कार्यों में सक्रिय सहयोग और संपूर्ण समर्थन देने की जापान की प्रतिबद्धता को दोहराया।
बैठक में भारत में जापान के राजदूत, जापान सरकार के अधिकारी, एनडीएमए के सदस्य, गृह मंत्रालय (एमएचए) और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।