नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज यहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) की समीक्षा के लिये दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। यह कार्यशाला राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा आयोजित की गयी है।
इस अवसर पर श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह आवश्यक है कि हम आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) को अपने प्रशासन में समाहित करें। उन्होंने कहा कि यह समीक्षा भविष्य में होने वाली आपदाओं के प्रबंधन में प्रमुख रूप से सहायक होगी।
एनडीएमपी देश की पहली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना है, जिसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जून में किया था। इस योजना की उभरते वैश्विक तरीकों और राष्ट्रीय अनुभवों को समायोजित करने के लिए समय-समय पर समीक्षा की जाती है। पिछले वर्ष नवंबर में डीआरआर पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान डीआरआर पर प्रधानमंत्री का 10 सूत्री एजेंडा इस योजना के संशोधन में मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में लाभदायक होगा।
सभी हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण इस योजना की समीक्षा करने का आग्रह करते हुये प्रधानमंत्री के अपर प्रमुख सचिव डॉ. पी.के. मिश्र ने कहा कि योजना की समीक्षा करते समय सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं और परिवर्तनों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
समीक्षा प्रक्रिया में सहभागिता और इसे समावेशी बनाने के लिये एनडीएमए ने राष्ट्रीय योजना पर राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों से भी सुझाव मांगे थे।
इस कार्यशाला की चर्चा के मुद्दे शीघ्र ही आयोजित होने वाली आगामी राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण (एनपीडीआरआर) मंच पर विचार-विमर्श का हिस्सा होंगे।
कार्यशाला के पहले दिन एनडीएमए और गृह मंत्रालय, राज्य सरकारों तथा गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुये।