लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने रबी क्रय योजना वर्ष 2018-19 में केन्द्रीयकृत क्रय प्रणाली के तहत किसानों से खरीदे गये गेहूँ के मूल्य का भुगतान सीधे किसानों को करने के लिए और अन्य वित्तीय प्रक्रियाओं को समयबद्ध रूप से संचालित किये जाने के लिए अधिकारों का प्रतिनिधायन कर दिया है।
इस सम्बन्ध में खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार गेहूँ क्रय के लिए खोले गये क्रय केन्द्रों को सार्वजनिक क्षेत्र व राष्ट्रीयकृत बैंक की सी0बी0एस0 शाखा से सम्बद्ध करके बैंक में बचत खाता खोलने के लिए वरिष्ठ/संभागीय लेखाधिकारी/सहायक संभागीय लेखाधिकारी को अधिकृत किया गया है। किसानों को उनकी उपज के विक्रय मूल्य का तुरन्त भुगतान केन्द्र स्तर से कृषक का खाता बैंक की सी0बी0एस0 शाखा में होने पर आर0टी0जी0एस0 द्वारा तथा यदि सी0बी0एस0 शाखा में खाता नहीं है तो ‘पेइज एकाउण्ट ओनली‘ चेक द्वारा भुगतान किये जाने हेतु क्रय केन्द्रों पर तैनात केन्द्र प्रभारी को अधिकृत किया गया है।
इसके साथ ही जारी आदेश में यह कहा गया है कि केन्द्र प्रभारी द्वारा अंकन 5 लाख रूपये की ‘‘फाईडेलिटी गारण्टी‘‘ आहरण कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व जमा करनी होगी, जिसे जमा करने का दायित्व जिला खाद्य विपणन अधिकारी का होगा। किसानों को 5 लाख से अधिक खाद्यान्न के मूल्य का भुगतान तथा परिवहन ठेकेदारों को उनके कार्य का पूरा भुगतान वरिष्ठ संभागीय लेखाधिकारियों/सहायक संभागीय लेखाधिकारियों द्वारा आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किया जाएगा।
इसके अलावा गेहूँ के मूल्य का भुगतान करने हेतु अधिकारों के प्रतिनिधायन एवं अन्य जो भी व्यवस्था खरीदारी के हित में आवश्यक होगी, उस पर खाद्य विभाग एवं खाद्य आयुक्त द्वारा कार्यवाही की जाएगी।