लखनऊ| राजधानी लखनऊ के सनसनीखेज गौरी श्रीवास्तव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए हत्यारे प्रेमी हिमांशु प्रजापति और उसके एक साथी अनुज को गिरफ्तार कर लिया है| पुलिस का दावा है कि आरोपी ने अवैध संबंधों के शक में गौरी की गला दबाकर हत्या करने के बाद आरी से उसके शरीर के टुकड़े कर डाले और लाश के टुकड़ों को सूटकेश में भरकर ठिकाने लगा दिया| पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त आरी, मोबाइल फ़ोन, स्प्लेंडर बाइक, खून से सनी हुई जैकेट व हेलमेट बरामद कर लिया है| इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूपी डीजीपी ए.के.जैन ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के साथ रासुका के तहत कार्रवाई की बात कही है| वहीं आरोपी हिमांशु ने मीडिया के सामने कबूला कि वह गौरी से प्यार करने लगा था, लेकिन जब उसने उसके फोन पर दूसरे लड़कों के मेसेज और फोटो देखे तो वह गुस्से से पागल हो गया।
डीपीजी जैन ने बताया कि हिमांशु प्रजापति गौरी से प्यार करता था। गौरी का अन्य दोस्तों के साथ चैटिंग करना उसे बेहद नागवार लगा। हिमांशु प्रजापति के पिता राम प्रसाद रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। हिमांशु जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से पत्राचार के माध्यम से पढ़ाई कर रहा है। उसकी गौरी से करीब डेढ़ वर्ष से मित्रता है। हिमांशु 18 जनवरी से 4 फरवरी तक अपने घर में अकेला था। वह उसे अपने साथ तेलीबाग स्थित घर में ले गया था| इससे पहले वह गौरी को लेकर करीब दो घंटे तक टहलता रहा।
हिमांशु ने गौरी को घर ले जाकर उससे उसका मोबाइल फोन मांग, जिसमें अश्लील वीडियोज़ को देखकर वह आगबबूला हो गया| इसके बाद हिमांशु ने अपने आगे खड़ी गौरी का गला दबा दिया, जिससे गौरी की मौत हो गई। उसे इस हालत में देख हिमांशु घबरा गया और गौरी को घर में बन्द कर पीजीआई के भीम टोला खरीका इलाके में रहने वाले अपने दोस्त अनुज कुमार गौतम के घर पहुंचा। अनुज से उसने पूरी बात बतायी| इसके बाद दोनों वीआईपी रोड स्थित सुरेश माॅडल शाॅप पर गए, जहां उन्होंने शराब पी| इसके बाद दोनों ईको पार्क पहुंचे। इसी दौरान हिमांशु के पास मौजूद गौरी के मोबाइल पर गौरी के घर वालों का फोन आया| जिस पर उसने उन्हें ईको पार्क में गौरी के होने की बात बताई।
परिवार वालों के वहां पर पहुंचने से पहले ही हिमांशु और अनुज वहां भाग निकले| गौरी के घर वाले पार्क में पहुंचे तो गौरी के वहां पर न मिलने पर उन्होंने फिर से गौरी के मोबाइल नम्बर पर फोन किया, जिस पर हिमांशु ने उन्हें गौरी की तबियत खराब होने के साथ उसे अपने साथ पीजीआई ले जाने के बारे में बताया। बाद में हिमांशु ने गौरी के मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया| नशे में धुत दोनों तेलीबाग में स्थित काका मार्केट पहुंचे, जहां से उसने चावला आयरन और सीमेण्ट स्टोर से पचास रूपए की लकड़ी काटने वाली आरी और संजय स्टेशनर्स एण्ड बुक स्टोर्स से जूट के तीन बैग और कोट का कवर खरीदा। घर पहुंचकर उसने गौरी के शरीर को आरी से कई हिस्सों में काट दिया और जूट के बैगों और कोट के कवर में अलग-अलग करके विभिन्न जगहों पर फेंक दिया।
पुलिस ने घटना के खुलासे में बताया कि गौरी की हत्या की छानबीन के दौरान सर्विलांस और फेसबुक की मदद से पुलिस को कैंट के तेलीबाग निवासी हिमांशु प्रजापति नामक युवक के बारे में पता चला। पुलिस ने हत्या की सारी कड़ियां जोड़ने के बाद हिमांशु को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से बाइक, जैकेट, आरी और गौरी का मोबाइल फोन बरामद किया है। इस सिलसिले में पुलिस ने हिमांशु के एक साथी को भी हिरासत में ले लिया है और उसकी भूमिका के बारे में छानबीन कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हिमांशु के साथी का गौरी की हत्या में हाथ हो सकता है। गौरी हत्याकांड का आधिकारिक खुलासा होना अभी बाकी है। अभी कुछ सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब पुलिस के पास है।
गौरी और हिमांशु एक दूसरे को बीते डेढ साल से जानते थे। उनके बीच खासी दोस्ती थी। लेकिन बीते कुछ दिनों पहले गौरी की पहचान एक अन्य युवक से हो गई थी। जिससे वह व्हाटस एप्प पर चैटिंग कर रही थी। हिमांशु जब गौरी को अपने घर ले गया तो उसी दौरान गौरी का मोबाइल उसके हाथ लग गया। मोबाइल में गौरी द्वारा कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें किसी अन्य नम्बर पर भेजे जाने की बात पता चलने पर वह अपना आपा खो बैठा।इसके बाद हिमांशु ने घर में गौरी की हत्या कर दी और उसके शव के टुकड़े कर ठिकाने लगा दिया|
गौरी के शव की पोस्टमार्टम में किये गए दावे और पुलिस की थ्योरी पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गये है। पीएम रिपोर्ट में शव को आरा मशीन से काटे जाने की पुष्टि हुई थी, जबकि हिमांशु की गिरफ्तारी के के बाद पुलिस ने खुलासा में बताया कि गौरी को लकड़ी काटने वाली आरी से ही काटा गया था। जब इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किये गए तो डीजीपी ने कहा कि अभी इस मामले पर पुलिस की जांच हो रही है| उनका कहना है कि सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद ही चार्जशीट दाखिल की जायेगी|
मृतका गौरी के पिता मानना था कि इस मामले में दो से ज्यादा लोग शामिल हैं। पुलिस को अभी और तहकीकात करनी चाहिए। वहीं, डीजीपी एके जैन ने कहा है कि अभी शुरुआती जांच के आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यदि आगे की जांच में नए नाम सामने आते हैं, जो किसी भी तरह से इस मामले में शामिल रहे हो, उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा। उनका कहना था पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने काफी लापरवाही भी बरती। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की गुमशुदगी के लिए उन्होंने 100 नंबर डाल किया था, लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं आया था|
बीती एक फरवरी को पुलिस को पीजीआई थाना क्षेत्र के शहीद पथ पर एक लड़की का टुकड़ों में शव बरामद हुआ| मृतका की शिनाख्त अमीनाबाद थाना क्षेत्र के गणेशगंज निवासी शिशिर श्रीवास्तव ने मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर अपनी बेटी गौरी श्रीवास्तव (20) के रूप में की थी| अमीनाबाद की रहने वाली गौरी एक फरवरी की दोपहर घर से लाॅण्ड्री में कपड़े देने के लिए गई थी। काफी खोजबीन के बाद जब कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने अमीनाबाद थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी|