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ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन के लिए दर्पण परियोजना लांच की गई

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्लीः संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने सेवा गुणवत्ता में सुधार, सेवाओं में मूल्यवर्धन तथा बैंक सेवा से वंचित ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दर्पण – “डिजिटल एडवासंवेंट ऑफ रूरल पोस्टऑफिस फॉर ए न्यू इंडिया” परियोजना लांच की। उन्होंने कहा कि 1400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ आईटी आधुनिकीकरण परियोजना का लक्ष्य प्रत्येक शाखा पोस्ट मास्टर (बीपीएम) को कम शक्ति का टेक्नालाजी समाधान उपलब्ध कराना है। इससे सभी राज्यों के ग्रामीण उपभोक्ताओं की सेवा में सुधार के लिए लगभग 1.29 लाख शाखा डाकघर सेवा देंगे। श्री सिन्हा ने बताया कि आज की तिथि में 43,171 शाखा डाकघरों ने दर्पण परियोजना को अपना लिया है ताकि ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। यह लक्ष्य मार्च, 2018 तक पूरा करना है।

इस परियोजना से ग्रामीण आबादी तक डाक विभाग की पहुंच बढ़ेगी और सभी वित्तीय प्रेसण, बचत खाता, ग्रामीण डाक जीवन बीमा और नकद प्रमाण पत्र में वृद्धि होगी। परियोजना से स्वचालित बुकिंग की अनुमति तथा खाता योग्य सामग्री की डिलिवरी से मेल संचालनों में सुधार होगा, खुदरा डाक व्यवसाय से राजस्व बढ़ेगा, तीसरे पक्ष के एप्लीकेशन उपलब्ध होंगे और मनरेगा जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए वितरण सहज होगा।

आईटी आधुनिकीकरण परियोजना के हिस्से के रूप में डाक विभाग ने विभिन्न कामकाजी क्षेत्रों में बिजनेस प्रोसेस रिइंजीनियरिंग का काम किया है और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए टू-बी प्रोसेस तैयार किया है। उपलब्धि के रूप में डाक विभाग द्वारा पूरे देश में 991 एटीएम स्थापित किए गए हैं जो अन्य बैंकों के साथ अंतर संचालित हैं। डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क होने से सामान्य जन को प्रत्यक्ष लाभ मिला है। डाक विभाग के एटीएम मशीनों पर अब तक 1,12,85,217 लेन-देन किए गए। इसमें से 70,24,214 लेन-देन गैर-डाक विभाग के उपभोक्ताओं द्वारा किए गए। डाक विभाग इस क्षेत्र में एकमात्र सरकारी संस्था है।

पिछले 150 से अधिक वर्षों से डाक विभाग देश की संचार व्यवस्था का रीढ़ रहा है। डाक विभाग ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्म भूमिका निभाई है। डाक विभाग अनेक प्रकार से भारतीय नागरिकों के जीवन को छूता है। विभाग द्वारा मेल डिलिवरी की जाती है, लघु बचत योजनाओं के अंतर्गत जमा स्वीकार किए जाते हैं, डाक जीवन बीमा (पीएलआई) तथा ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) के अंतर्गत जीवन बीमा कवच प्रदान किया जाता है तथा बिल एकत्र करने तथा विभिन्न फार्मों की बिक्री जैसी खुदरा सेवाएं दी जाती हैं। डाक विभाग महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) वेज वितरण तथा वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसी सेवाएं नागरिकों को प्रदान करता है। 1.5 लाख डाक घरों के साथ डाक विभाग विश्व का सबसे अधिक विस्तृत डाक नेटवर्क है।

शहरीकरण, वित्तीय सेवाओं की बढ़ती मांग, सरकार द्वारा समाज के कमजोर वर्गों तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक धन दिए जाने जैसी प्रवृत्तियों से डाक विभाग के लिए नए अवसरों के द्वार खुले हैं। इसलिए नए प्रोसेस तथा समर्थनकारी टेकनॉलाजी की आवश्यकता है। डाक विभाग के समक्ष स्पर्धा बढ़ाने और संचार प्रौद्योगिकी विशेषकर मोबाइल टेलीफोनी तथा इंटरनेट में अग्रिम कदम बढ़ाने की दोहरी चुनौती है। श्रेष्ठ उपभोक्ता सेवा प्रदान करने, नई सेवाएं देने तथा संचालन संबंधी सक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से डाक विभाग ने प्रारंभ से अंत तक आईटी आधुनिकीकरण योजना प्रारंभ किया है ताकि विभाग स्वयं को आवश्यक आधुनिक उपायों तथा टेकनालाजी से लैस कर सके। आईटी आधुनिकीकरण परियोजना के निम्नलिखित लक्ष्य हैं –

  1. उपभोक्ता से सक्रियता बढ़ाकर व्यापक रूप से भारतीय आबादी तक पहुंचना
  2. बेहतर उपभोक्ता सेवा
  3. नए व्यवसायों के माध्यम से विकास
  4. आईटी सक्षम बिजनेस प्रोसेस तथा समर्थनकारी कार्य

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