नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहन देने से आकांक्षी ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकती है। उपराष्ट्रपति महोदय आज यहां भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीआईएसटी) की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सलाह शिख़र सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन की थीम थी- ‘समावेशी विकास के लिए युवा ग्रामीण उद्यमियों को प्रोत्साहन’। इस अवसर पर प्रिंस चार्ल्स व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि ग्रामीण भारत तेजी से बदल रहा है। ग्रामीण युवा नवीन जानकारियों से वाकिफ़ हैं, कुछ नया सीखने को उत्सुक हैं, उनमें उद्यमिता की भावना है और उनमें वैश्विक आकांक्षाएं मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार समावेशी विकास को बढ़ावा देने तथा भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन आदि का उद्देश्य नवोन्मेषी वतावरण को समर्थन प्रदान करना है।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन का लक्ष्य शहरी गरीब परिवारों को स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करना तथा उन्हें कौशल प्रदान करके उनकी आय को बढ़ाना है ताकि शहरी गरीबी का उन्मूलन हो सके। यह नीति इस विश्वास पर आधारित है कि गरीब लोगों में उद्यमिता की क्षमता मौजूद है और वे गरीबी से बाहर आना चाहते हैं। उनकी क्षमताओं का उपयोग करते हुए एक सार्थक व सतत जीविका के अवसर उपलब्ध करना एक चुनौती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऋण, तकनीक के फायदे तथा विपणन तक पहुंच से संबंधित बाधाओँ को दूर किया जाना चाहिए। उद्यमिता संस्कृति के विकास में बीवाईएसटी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। चुनौती यह है कि किन तरीकों से ग्रामीण उद्यमियों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि वे केवल नौकरी ढूढ़ने वाले न रहें। ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका के बेहतर अवसरों का तेजी से सृजन किया जाना चाहिए।