पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम चाबहार बंदरगाह का नया यातायात मार्ग अब खुल गया है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी रविवार को इस परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस बंदरगाह के चालू होने से भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच नए रणनीतिक रूट की शुरुआत हुई। इसमें पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं होगी। ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान में स्थित इस बंदरगाह के उद्घाटन के मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहीं।
बंदरगाह के पहले चरण को शाहिद बेहस्ती पोर्ट के तौर पर जाना जाता है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस पोर्ट के खुलने से भारत-ईरान संबंधों को नई ऊंचाई मिलेगी। इससे पहले सुषमा शनिवार को बिना किसी पूर्व घोषणा के रूस से लौटते समय तेहरान पहुंच गईं। उन्होंने यहां अपने ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह परियोजना को लागू करने की समीक्षा की। इस परियोजना में भारत महत्वपूर्ण सहयोगी है।
इस रास्ते अफगास्तिान को गेहूं भेज चुका है भारत
ईरान इस नए मार्ग को लेकर काफी उत्साहित है, क्योंकि भारत से जो माल पहले पाकिस्तान होते हुए सीधे अफगानिस्तान जाता था वह अब जहाजों के जरिए पहले ईरान के चाबहार बंदरगाह पर जाएगा और फिर वहां से ट्रकों द्वारा अफगानिस्तान पहुंचेगा। भारत इस रास्ते का इस्तेमाल अफगानिस्तान को मदद के बतौर 11 लाख टन गेहूं की एक मुफ्त खेप भेजकर कर चुका है।
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