देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा हैं। पिछले पांच दिनों से स्थगित चल रही चार धाम यात्रा रविवार को भी स्थगित हो गई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा की भारी बारिश के चलते अभी चिंताजनक कोई बात नहीं है, जल्द ही चार धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी। उत्तराखंड आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, गंगा, यमुना, शारदा, काली सहित प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और सभी खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट रविशंकर ने बताया, मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए हमने गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को शनिवार के दिन भी स्थगित की। यात्रा फिर से शुरू की जा सकती है लेकिन यह भी ऊंचे इलाकों के मौसम और उन सड़कों की हालत पर निर्भर करेगा, जो इस समय कई स्थानों पर बंद हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा अपने खतरे के निशान 627 मीटर के मुकाबले 623 मीटर के स्तर पर बह रही है जबकि पिछले साल कहर बरपाने वाली मंदाकिनी का जलस्तर 622.4 मीटर पर है जिसका खतरे का निशान 626 मीटर है। उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी अपने खतरे के निशान 1123 मीटर के मुकाबले 1120.25 मीटर पर बह रही है।
हरिद्वार जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 294 मीटर से केवल 1.20 मीटर ही दूर है। बागेश्वर जिले में सरयू नदी 866.40 मीटर पर बह रही है जबकि उसका खतरे का निशान 870.70 मीटर पर है। पिथौरागढ़ जिले में काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान 890 मीटर के मुकाबले केवल 1.20 मीटर ही दूर है। चंपावत जिले में शारदा नदी अपने खतरे के निशान 221.70 मीटर के बिल्कुल नजदीक 221.30 मीटर पर बह रही है।
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