नई दिल्ली: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में छत्तीसगढ़, दिल्ली, जम्मू–कश्मीर और उत्तर प्रदेश /केन्द्र शासित प्रदेशों के कल्याण मत्रियों के क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री राम दास अठावले, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्रीमती जी. लता कृष्ण राव, सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. यू. वेंकेटेश्वरलू, संयुक्त सचिव (प्रशासन) बी. एल. मीना संयुक्त सचिव (बीसी), श्रीमती एन्द्री अनुराग संयुक्त सचिव (एसीडी), श्री एस. एस. मीना, संयुक्त (एसडी) और राज्यों के मंत्रालय सचिवालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई :-
अनुसूचित जाति के विकास के लिए योजनाएं
- मैट्रिक के बाद अनुसूचित जाति के लिए छात्रवृत्ति।
- मैट्रिक के पूर्व अनुसूचित जाति के लिए छात्रवृत्ति।
- वैसे छात्रों के लिए छात्रवृत्ति जो अस्वच्छ कार्यों में लगे हुए हैं।
- अनुसूचित जाति के छात्रों के मेधा का उन्नयन।
- बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना।
- मैला ढोने वालों के लिए पुनर्वास हेतु स्वरोजगार योजना।
- प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई)।
- अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए काम करने वाली स्वैच्छिक संस्थाओं को मदद।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम की योजनाएं।
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम की योजनाएं।
ओबीसी के विकास के लिए योजनाएं :–
- मैट्रिक के बाद ओबीसी के लिए छात्रवृत्ति।
- मैट्रिक के पहले ओबीसी के लिए छात्रवृत्ति।
- ओबीसी के लिए छात्रावासों का निर्माण।
अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़ी विकास योजनाओं और उनको लागू करने संबंधी कई मामलों के बारे में बैठक में चर्चा हुई।
सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा मंत्रालय की योजनाओं को लागू करने में सुधार के लिए सराहना की गई। कुछ मामलों में राज्यों को केन्द्रीय सहायता के रूप में धन का आवंटन नहीं हुआ है। उन्हें आवंटन प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया गया है।
- पूर्ण विवरण सहित प्रस्ताव।
- उपयोगिता प्रमाण-पत्र जो लंबित हैं।
- व्यय का विवरण (लेखा परीक्षक द्वारा)
- एनजीओ के प्रस्तावों की ऑनलाइन जांच के लिए राज्य अधिकारियों का पंजीकरण।
- शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में मैला ढोने वाले लोगों का सर्वे। जिन्हें राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा पूरा नहीं किया गया है।
- पहचान किए गए मैला ढोने वाले लोगों का समेकित पुनर्वास के लिए प्रस्ताव जमा करना।