लखनऊः शासन द्वारा प्रदेश में डकैती, हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराध होने पर जिला मजिस्ट्रेट तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक@पुलिस अधीक्षक को तत्काल मौके पर पहुंचकर अविलम्ब यथोचित कार्यवाही कराये जाने के निर्देश दिये गये है ताकि जनता में सरकार और शासन के प्रति संवेदनशील होने का संदेश जा सके।
यह भी निर्देश दिये गये हैं कि समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखते हुये इसकी विशेष सावधानी रखी जाये कोई विवाद साम्प्रदायिक अथवा जातिगत रूप न ले। इसके लिये जनसामान्य को संवाद एवं संपर्क के माध्यम से जागरूक किया जाये तथा मीडिया का भी यथासंभव सहयोग लिया जाये।
गृृह विभाग द्वारा इस संबंध में प्रदेश के समस्त जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक@पुलिस अधीक्षक को गृह विभाग द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये है। सरकार की प्रतिबद्धताओं को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए आधुनिकतम नई तकनीकों का प्रयोग किया जाए ताकि प्रदेश की पुलिसिंग और बेहतर हो सके।
प्रमुख सचिव, गृह श्री देबाशीष पण्डा ने शासन द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश में कही भी नवीन परम्परा आदि विशेष रूप से नवीन धार्मिक, कार्य-कलापों, उत्सवों एवं जुलूसों आदि के मामलों में अनुमति किसी भी दशा में न दिये जाने के लिए स्पष्ट रूप से कहा गया है।
प्रदेश में ऐसा वातावरण सृजित किया जाए, जिसमें समाज के किसी भी जनसामान्य को असामाजिक व अराजक तत्वों द्वारा प्रताड़ित या आतंकित न किया जा सके। इस चुनौती का सामना करने के लिए आवश्यक है कि अवैध एवं बलात् वसूली करने वाले, भूमाफिया, खनन माफिया, वन माफिया, खाद्यान्न एवं परिवहन माफिया तथा गोवंश तश्करी माफिया एवं अन्य सभी अराजक, असामाजिक एवं आपराधिक तत्वों को चिन्हित कर लिया जाए तथा उनके विरुद्ध योजनाबद्ध ढंग से प्रभावी एवं सतत् वैधानिक कार्यवाही की जाए। इस दिशा में सर्वप्रथम 10 के विरूद्ध कार्यवाही की जाए ताकि प्रत्येक जनपद में सकारात्मक संदेश जाए तथा उपयुक्त वातावरण स्वतः बन जाए।
श्री पण्डा ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा एवं मानवाधिकारों के सम्मान पर विशेष बल देते हुए शासन द्वारा जारी निर्देशों में एसिड अटैक की घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाये जाने के लिए कहा गया है। यदि किसी महिला@पीड़िता द्वारा ऐसी घटना घटित होने की संभावना की शिकायत की जाती है तो उसे गम्भीरता से लेते हुए तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इस प्रकार की घटनाओं की पूर्व सूचना प्राप्त करने हेतु ग्रामीण अंचल में चैकीदार एवं शहरी क्षेत्रों में सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों का भी सहयोग प्राप्त किया जाए। महिला उत्पीड़न की घटनाओं में शिकायत मिलने पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।
शासन द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि थाना स्तर पर पुलिसजन का आचरण एवं व्यवहार जनता के प्रति सम्मानजनक हो। थानो में आगन्तुकों के लिये बैठने, पेयजल आदि की उचित व्यवस्था की जाये, जिससे जनसामान्य में पुलिसजन एवं विभाग की बेहतर छवि बन सके। अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए आरक्षी से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में शाम को पैदल गश्त कर जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त करें तथा उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। पुलिस विभाग में आन्तरिक अनुशासन बनाये रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह समय-समय पर अपने अधीनस्थों को अनुशासित रहने हेतु प्रेरित करें तथा अनुशासनहीन कर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।
प्रमुख सचिव गृह नें बताया कि स्वच्छता अभियान राष्ट्रीय कार्यक्रम का एक हिस्सा है जिसके लिए प्रदेश सरकार भी सरकार दृढ़ संकल्पित है। अतएव सभी अधिकारी एवं कर्मी अपने कार्यालयों की स्वच्छता हेतु सदैव सजग रहे। पुलिस विभाग के कार्यालयों@थानों में साफ-सफाई की व्यवस्था किये जाने हेतु थानों में खडे निष्प्रयोज्य वाहनों का शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण कराया जाये। थानों में खडे निष्प्रयोज्य वाहनों के निस्तारण हेतु प्रभारी निरीक्षक@थानाध्यक्ष सीधे उत्तरदायी होगें।
शासन द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि यूपी 100 सेवा की क्रियाशीलता और दक्षता की समीक्षा जनपदीय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक@पुलिस अधीक्षक प्रत्येक दिन सायंकाल एक निश्चित समय पर नियमित रूप से करें तथा उनकी उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से सोशल मीडिया, सोशल मीडिया सहित प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिंक मीडिया के साथ साझा करें। इस सेवा में तैनात पुलिस कर्मियों की सत्यनिष्ठा को लेकर शासन र्की मतव.ज्वसमतंदबम की नीति का पालन सुनिश्चित किया जाए। दिन प्रतिदिन घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का तत्काल निराकरण न होने पर वह विराट रूप धारण कर लेती है, अतः ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उन पर नियंत्रण किया जाए। इसके लिए तहसील दिवस व थाना दिवस जैसे फोरम का प्रभावी उपयोग किया जाए तथा शिथिलता बरतने वाले कर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
श्री पण्डा ने बताया कि भारत नेपाल की सीमा एक खुली अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है, यहाँ आईएसआई से जुड़े राष्ट्र विरोधों तत्वों की गतिविधियों पर सर्तक दृष्टि रखी जाए तथा संदिग्ध गतिविधियाँ परिलक्षित होंने पर तत्काल कार्यवाही की जाए। इसके अलावा प्रदेश में अध्ययनरत विदेशी छात्रों@नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए तथा इसके लिए पुलिस अधिकारीगण सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए।