देहरादून: मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय बाल विवाह अनुश्रवण समिति एवं निर्भया योजना के अन्तर्गत गठित जनपदस्तरीय, जिला आपराधिक दुर्घटना, सहायता एवं पुनर्वास बोर्ड की बैठक विकास भवन में उनके कार्यालय में आयोजित की गयी।
बैठक में समिति द्वारा पोक्सो एक्ट के तहत जो प्रकरण सम्बन्धित थाने में दर्ज हैं उन पर सम्बन्धित पीड़ित को निर्भया प्रकोष्ठ के अन्तर्गत मुआवजा देने का निर्णय किया गया। समिति ने पीड़ित महिलाओं के मामलों के सम्बन्ध में अवगत कराया कि की पीड़ित महिलाओं से सम्बन्धित जो आपराधिक केस पुलिस विभाग में दर्ज हैं उसके सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के स्तर से निर्भया प्रकोष्ठ को भी सूचित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में शासन द्वारा पीड़ित महिलाओं को निर्भया प्रकोष्ठ के तहत बढाई गयी धनराशि पर भी चर्चा की गयी, जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड में अपराध से पीड़ित सहायता योजना की धनराशि में निम्न प्रकार से परिवर्तन किया गया।
हानि या क्षति का विवरण | वर्तमान सहायता की अधिकतम सीमा | प्रस्तावित सहायता की अधिकतम सीमा |
शरीर के किसी अंग या हिस्से का नुकसान, जिससे शरीर में 40 प्रतिशत् से अधिक व 80 प्रतिशत् से कम विकलांगता घटित हुई हो | रू0 50 हजार /- | रू0 2 लाख/- |
शरीर के किसी अंग या हिस्से का नुकसान, जो 80 प्रतिशत् से अधिक विकलांगता हो | रू0 1 लाख/- | रू0 4 लाख/- |
अप्राप्तव्यस्क (माईनर) का बलात्कार | रू0 2.5 लाख/- | रू0 7 लाख/- |
जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एस.के सिंह ने अवगत कराया कि जनपद में बाल विवाह से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण न तो संज्ञान में आया है न ही चलन में है। मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर तिवारी ने निर्भया प्रकोष्ठ का बाल विवाह प्रतिषेद अनुश्रवण समिति के सदस्यों को महिला एवं बाल अपराध से सम्बन्धित कार्यों को गम्भीरता से लेने तथा पीड़ित पक्ष को हर सम्भव सहायता व मुआवजा धनराशि पंहुचाने की हर सम्भव कोशिश करने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती, उप चिकित्सा अधीक्षक भागीरथी जंगपांगी, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर चन्द्रमोहन सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर सहित विभिन्न एन.जी.ओं एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।