नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण, गरीबी उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण किसी भी देश के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति आज यहां उनसे मुलाकात करने आये एशियन पॉपुलेशन एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन के शिष्टमंडल को संबोधित कर रहे थे, जिसमें 15 देशों के सांसद, जिनमें भारत के चार मौजूदा सांसद, एक पूर्व सांसद और दो विधायक शामिल थे। इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति डॉ. पी.जे. कुरियन और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकास के लाभ निर्धन से निर्धनतम व्यक्ति तक पहुंचने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस संदर्भ में व्यवस्थापिकों की सक्रिय भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है।
उपराष्ट्रपति ने 2030 एजेंडा के बारे में भारत के रूख को दोहराते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) विकास से संबंधित भारत के अपने विजन का ही प्रतिबिंब हैं साथ ही नये एजेंडे में शामिल किये गये गरीबी उन्मूलन के अति महत्वपूर्ण उद्देश्य को भारत भी बेहद आवश्यक मानता है। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए तालमेल बैठाने और निगरानी के प्रयासों की अगुवाई भारत का प्रमुख थिंक टैंक नीति आयोग कर रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सतत विकास लक्ष्यों की घरेलू उपलब्धियों की निगरानी के लिए राष्ट्रीय संकेतक प्रारूप को अंतिम रूप दे रहा है और साथ ही इन एसडीजी की उपलब्धियों की निगरानी के लिए वैश्विक संकेतकों के प्रारूप को तैयार करने की संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया में भी संलग्न है। उन्होंने कहा कि भारत ने न्यूयार्क में जुलाई 2017 में उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच पर अपनी स्वैच्छापूर्ण राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि भारत ने कई ऐसी पहलों और कार्यक्रमों को भी रेखांकित किया, जिन्हें सरकार द्वारा वर्तमान में कार्यान्वित किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत उन सभी देशों का स्वागत करता है, जिनके द्वारा 2030 एजेंडा को कार्यान्वित करने के लिए उल्लेखनीय कदम उठाये जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वैश्विक साझेदारी इस एजेंडे में शामिल लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने की कुंजी है।
इस शिष्टमंडल में शामिल 15 देशों के राजनीतिज्ञों ने 2030 एजेंडा की प्रकिया में भारत द्वारा निभाई जा रही अग्रणी भूमिका की सराहना की और कहा कि निरंतर प्रयास इस एजेंडे के सफल कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करेंगे।