नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर छात्र विनिमय कार्यक्रम ‘मैत्री यात्रा’ का समापन समारोह आज राष्ट्रीय बाल भवन में संपन्न हो गया। छात्र विनिमय कार्यक्रम का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को भारत के विभिन्न भागों की संस्कृति, भाषा और विकास गाथाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर समारोह में मुख्य अतिथि थे। मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह और जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री श्री सैयद मुहम्मेद अल्ताफ बुखारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं को बाकी देश से जोड़ना है और भाईचारे तथा सद्भाव को बढ़ावा देना है। उन्होंने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने, सीखने और एक-दूसरे के साथ जानकारियों को साझा करने के लिए विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कश्मीरी दोस्तों के ठहरने लिए अपनी कक्षाएं खाली करके ‘अतिथि देवो भव’ की सच्ची भावना प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रीय बाल भवन के विद्यार्थियों की सराहना की।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ऐसी प्रणाली तैयार कर रही है जो सभी विद्यार्थियों को एमसमान अवसर उपलब्ध कराएगी जिससे सभी राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान कर सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली के स्कूलों के 500 बच्चे गर्मियों में जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेंगे।
समारोह में अपने भाषण में मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेश के प्रचार के लिए जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ किया वह शायद सरकार के कदमों से भी संभव न हो पाता। उन्होंने कहा कि शिक्षा और सीखनाआज के समाज की दो अतयंत महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं क्योंकि आज के नौजवान ही कल के नेता बनेंगे.
इस अवसर पर अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए छात्र विनिमय कार्यक्रम के संचालन के लिए कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि इससे देश का सामाजिक ताना-बाना मजबूत होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कमश्मीर के बच्चों को राष्ट्रीय बाल भवन के बच्चों ने सचमुच की जादू की झप्पी दी।
जम्मू-कश्मीर के स्कूलों के नौवीं से बारहवीं तक के 500 विद्यार्थी 50 सुपरवाइजरों के साथ 18 जनवरी 2018 को दिल्ली पहुंचे। इनमें से 300 बाल भवन में ठहरे और 100-100 दो केन्द्रीय विद्यालयों और दो नवोदय विद्यालयों में रुके।
इन 500 बच्चों में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के स्कूलों के बच्चे शामिल थे। सरकारी स्कूल के 10 बच्चों के साथ प्राइवेट स्कूल के एक बच्चे को लेकर टोलियां बनायी गयीं। बच्चों ने तीन दिन स्कूलों में बिताए। 20 जनवरी 2018 को वे अपने मार्गदर्शक साथी के साथ दिल्ली दर्शन के लिए गये और चिडि़याघर,राजघाट और लालकिला समेत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कई स्थानों को देखा।
जम्मू-कश्मीर के बच्चे दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, रेलवे म्यूजियम, मदर डेरी संयंत्र, मैट्रो की सवारी, पीवीआर वसंत कुंज में फिल्म देखने, जादू का शो देखने के लिए भी गये। उन्होंने भव्य गणतंत्र दिवस समारोह भी देखा. इन बच्चों ने जम्मू-कश्मीर के कई सांस्कृतिक गीत भी गाए। मैत्री यात्रा की कुछ झलकियां समापन समारोह में भी दिखायी गयीं।