अपोलो के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने कहा है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के अपोलो हॉस्पिटल्स में 75 दिनों तक भर्ती रहने के दौरान सभी CCTV कैमरे बंद कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि 24 बेडवाले ICU में जयललिता अकेली मरीज थीं। 5 दिसंबर 2016 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उन्हें 22 सितंबर 2016 को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से इतर रेड्डी ने पत्रकारों को बताया कि जयललिता की मौत की जांच करने वाली ए. अरुमुगस्वामी आयोग के सामने अस्पताल ने सारे जरूरी दस्तावेज जमा करा दिए हैं।
Unfortunately they (CCTVs) were switched off. Jayalalithaa got admitted and one ICU was completely occupied only by her. So they removed the footage because they did not want everyone to be watching: Prathap C Reddy, Founder-Chairman of Apollo Hospitals on her death row #Chennai pic.twitter.com/QoWb3oYh4f
— ANI (@ANI) March 22, 2018
शशिकला ने दी आखिरी पलों की जानकारी
वहीं दूसरी ओर जयललिता की सहयोगी रहीं शशिकला ने उनके आख़िरी पलों के बारे में जानकारी दी है। जयललिता की मौत के कारणों की जांच कर रहे जस्टिस अरुमुगस्वामी कमीशन के समक्ष दिए गए हलफनामे में शशिकला ने कहा है कि जयललिता को दिल के दौरा पड़ा था। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार शशिकला ने बताया है कि जयललिता टेलीविजन पर धारावाहिक ‘जय वीर हनुमान’ की देख रही थीं और उन्होंने इससे पहले अपने लिए कॉफी और ब्रेड मंगवाया था।
धारावाहिक ख़त्म होने के बाद जयललिता ने टीवी बंद किया और इसके बाद उनके शरीर में कंपन हुआ और उन्होंने अपने दांत भींच लिए। शशिकला के अनुसार उन्होंने जयललिता को सहारा देकर बिस्तर पर लिटाया जिसके बाद डॉक्टर कमरे में आ गए और उन्हें जोर-जोर से आवाज दे कर जयललिता को पुकारने के लिए कहा। शशिकला के कई बार आवाज लगाई, “अक्का, अक्का…” जयललिता ने शशिकला की ओर देखा और फिर आंखें बंद कर लीं। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें कमरे से बाहर जाने के लिए कहा।
हिन्दुस्तान