अगर आप मुशायरों के शौकीन है तो राजधानी दिल्ली में इसका लुत्फ उठा सकते हैं। जहां 13 अप्रैल (शुक्रवार) को देश विदेश के बेहतरीन उर्दू शायर अपने नए कलाम से राजधानी और उसके आसपास से साहित्य प्रेमियों का दिल छूने को तैयार है।
हिंदुस्तान के शायरों की फ़ेहरिस्त में प्रो. वसीम बरेलवी, मंसूर उस्मानी, पॉपुलर मेरठी, शबीना अदीब, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, गौहर रज़ा, दीप्ती मिश्रा, इक़बाल अशहर, मंज़र भोपाली, प्रो. मीनू बख़्शी, रेहाना नवाब, लियाक़त जाफ़री और हुसैन हैदरी के नाम शामिल हैं। जबकि, मशहूर शायर मंसूर उसमानी मुशायरा उसका संचालन करेंगे।
जी हां, मुशायरों के आयोजन की अपनी 20 बरस की शानदार परंपरा बरकरार रखते हुए, जश्न-ए-बहार ट्रस्ट सम-सामयिक (दौर-ए-हाज़िर की) उर्दू शायरी के इंद्रधनुष से नायाब रचनाएं लेकर 13 अप्रैल की शाम देश-विदेश के बेहतरीन उर्दू शायर अपना नवीनतम कलाम राजधानी और आसपास के साहित्य प्रेमियों की नज़्र करेंगे।
जश्न-ए-बहार के तत्वाधान में 13 अप्रैल, 2018 शुक्रवार के दिन दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड में शाम 6.30 बजे दिल्ली का ये सबसे बड़ा इन्टरनैशनल मुशायरा आयोजित होगा। मुशायरे की 20वीं सालगिरह के जश्न में कत्थक सम्राट पंडित बिरजू महाराज मेहमान-ए-खुसूसी होंगे और पूर्व चुनाव आयुक्त डा. एस वाई क़ुरैशी सदर-ए-मुशायरा होंगे।
जश्न-ए-बहार ट्रस्ट की संस्थापक कामना प्रसाद का कहना है कि “हिंदुस्तान की हरदिल अज़ीज़ ज़बान उर्दू और यहाँ की गंगा जमनी संस्कृति के संरक्षण व मुशायरे जैसी साहित्यक और सामाजिक परंपरा के विकास के लिए ट्रस्ट पिछले दो दशकों से निरंतर कार्यरत है.”
आगे उन्होंने बताया कि “जश्न-ए-बहार के बीस बरस लम्बे शायराना सफ़र में हमारी कोशिश रही है कि देश और देश से बाहर उर्दू अदब की नई आवाज़ो और आधुनिक साहित्यिक रुझानों का प्रतिनिधित्व करने वाले शायरों को अपने श्रोताओं से परिचित करवायें। हमें यकीन है के आगे भी ‘हम परवरिशे लौह-ओ-क़लम करते रहेंगे.” मुशायरा जश्न-ए-बहार के बैक ड्राप में विश्व विख्यात कलाकार एम एफ़ हुसैन की बनाई हुई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के इस मिसरे की खुशनुमा कैलिग्राफी नज़र आती है. (Hindustan)