मुंबई: बीसीसीआई ने टीम इंडिया के नवयुक्त हेड कोच रवि शास्त्री की सैलरी तय कर दी है। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि शास्त्री को पूर्व कोच अनिल कुंबले से अधिक वेतन मिलेगा। ख़बरों के मुताबिक शास्त्री को सालाना करीब 8 करोड़ रुपये का वेतन दिया जाएगा। बात अगर कुंबले की सैलरी की करें तो उन्हें बीसीसीआई की तरफ से बतौर कोच 6.25 करोड़ रुपये सालाना वेतन दिया जाता था। इसका मतलब यह हुआ कि शास्त्री को कुंबले से हर साल तक़रीबन 1.5 करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे।
आपको बता दें मई में ही तत्कालीन कोच अनिल कुंबले ने अपना वेतन बढ़ाए जाने की मांग की थी। उन्होंने बीसीसीआई से गुज़ारिश की थी कि उनकी सैलरी बढ़ाकर 7.50 करोड़ रुपये सालाना की जानी चाहिए। इस बात कि उम्मीद भी की जा रही थी कि बीसीसीआई उनकी इस सिफारिश को मंजूरी दे देगा। लेकिन उससे पहले ही कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि अब जब शास्त्री टीम इंडिया के नए कोच बने हैं तो उन्हें बढ़ा हुआ जो वेतन मिलने वाला है वो कुंबले की सिफारिशों का ही नतीजा है।
बढ़ी हुए सैलरी के साथ बीसीसीआई ने शास्त्री को मनमुताबिक़ कोचिंग स्टाफ भी दे दिया है। शास्त्री के कहने पर बीसीसीआई और सीओए ने भरत अरुण के नाम पर बतौर गेंदबाज़ी कोच अपनी मुहर लगा दी। भरत अरुण के अलावा संजय बांगर को सहायक कोच और आर श्रीधर को फील्डिंग कोच नियुक्त किया है। इन सभी का 2019 विश्व कप तक के लिए टीम इंडिया के साथ करार हुआ है। इन तीनों को करीब 2.3 करोड़ रुपये सालाना वेतन के ब्रैकेट में रखा जाएगा। इनकी सैलरी इस मापदंड पर भी तय की जाएगी कि इन्हें आईपीएल की कोचिंग छोड़ने से हुए नुकसान की भरपाई की जाए। हालांकि अभी सपोर्टिंग स्टाफ कोच के वेतन की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
गौरतलब है कि रवि शास्त्री के कोच बनने के साथ क्रिकेट सलाहकर समिति ने गेंदबाजी कोच के रूप में जहीर खान का नाम आगे बढ़ाया था। लेकिन इसके बाद सलाहकार समिति और कोच के बीच विवादों का दौर चला। शास्त्री अपने पसंदीदा भरत अरुण को टीम के साथ जोड़ना चाहते थे लेकिन सौरव गांगुली ने जहीर खान का नाम आगे बढ़ा दिया। बढ़ते विवाद के बाद अंत में सौरव ने साफ किया कि जहीर राहुल द्रविड़ की तरह सिर्फ विदेशी दौरे में टीम के साथ रहेंगे।
ज़हीर खान और राहुल द्रविड़ के रोल को लेकर रवि शास्त्री का कहना है कि ”ये जहीर खान और राहुल द्रविड़ के ऊपर है कि वो कितने दिन भारतीय टीम को दे सकते हैं। दोनों की सेवाओं का हम स्वागत करेंगे। मैंने दोनों से बात की है और दोनों के अनुभवों से टीम को फायदा मिलेगा।” उम्मीद यही की जा रही है कि द्रविड़ और ज़हीर का इस्तेमाल विदेशी दौरों पर ज़रूरत पड़ने पर किया जाएगा।