नई दिल्लीः वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के तत्वावधान में बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) संवर्द्धन और प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) यूरोपीय संघ के सहयोग से 13-14 मार्च, 2018 को नई दिल्ली में जालसाजी और प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु डीआईपीपी सचिव श्री रमेश अभिषेक के उपस्थिति में इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
जालसाजी के मामलों में तेजी से वृद्धि का विश्व भर में असर पड़ा है। जलसाजी के कारण न केवल निर्माताओं और आईपी मालिकों का ब्रांड मूल्य, प्रतिष्ठा और उनकी ख्याति कम होती है, बल्कि उसके सामाजिक और आर्थिक परिणाम होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप करों और राजस्व हानि के कारण भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। जालसाजी में पूंजी को अन्य गैर कानूनी गतिविधियों में लगाया जाता है; जाली उत्पाद उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
प्रवर्तन एजेंसियां जैसे पुलिस, कस्टम और अभियोजन शाखा की देश में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को प्रभावी तरीके से लागू करने में प्रमुख भूमिका है। आईपीआर और जालसाजी के खतरों के बारे में एजेंसियों के अधिकारियों के बीच जागरूकता पैदा करके प्रवर्तन व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है साथ ही रोजमर्रा की गतिविधियों में जाली उत्पादों से जुड़े मामलों से निपटने में उनकी सहायता की जा सकती है।
सम्मेलन के जरिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ एक मंच पर आकर बातचीत कर सकेंगे और प्रवर्तन एजेंसियां, एटॉर्नी तथा उद्योग के प्रतिनिधियों के लाभ के लिए सर्वश्रेष्ठ जानकारी का आदान-प्रदान कर सकेंगे और आईपीआर संरक्षण ईको प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए नए सुझाव प्रदान कर सकेंगे।
यह जालसाजी के खतरे से निपटने के संबंध में अधिकारियों को अपने अनुभव बांटने तथा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक मंच प्रदान करने के रूप में कार्य करेगा। सम्मेलन में प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों के अलावा, अनेक आईपी पेशेवर, वकील, ई-कॉमर्श, साझेदार और उद्योग एसोसिएशनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
आईपीआर को लागू करने में प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका के महत्व के बारे में सरकार ने अनेक पहल की है। पिछले वर्ष मंत्रालय ने आईपी अपराधों, विशेष रूप से जाली ट्रेड मार्क और कॉपीराइट चोरी करने जैसी समस्याओं से निपटने में मदद के लिए देश भर के पुलिस अधिकारियों के लिए उपकरणों की शुरूआत की थी।
बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को लागू करने के बारे में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला अगस्त, 2107 में आयोजित की गई थी। इसके अलावा देश भर में पुलिस अधिकारियों के लिए बहु प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए गए।