देहरादून: जिला समुचित प्राधिकारी पी.सी.पी.एन.डी.टी एवं गर्भाधान प्रसव एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (विनिमय एवं दुरूपयोग निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत जिला समुचित प्राधिकारी की सहायता एवं परामर्श हेतु जिला सलाहकार समिति की बैठक जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में आयोजित की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि जनपद में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का नियिमत रूप निरीक्षण किया जाय एवं जो अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र संचालक नियमों का कड़ाई से पालन नही करते तथा फार्म एफ को सही तरह से कम्पाइल नही करते हैं तो उनको नोटिस जारी करने के निर्देश दिये एवं जो केन्द्र तीन बार नोटिस देने के उपरान्त भी अपनी कमियों में सुधार नही करता है तो ऐसे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रो को सील करने की कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त की। जिलाधिकारी द्वारा माह जुलाई के सापेक्ष अगस्त में केन्द्रो का कम निरीक्षण करने पर भी नाराजगी जाहिर की गयी। उन्होने निर्देश दिये हैं कि तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों के माध्यम से नियमित निरीक्षण कराया जाय तथा जिला मुख्यालय पर समिति एवं चिकित्सा की टीम द्वारा औचक निरीक्षण कराया जाय एवं जिन अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों में कोई कमी पाई जाती है तो उनके विरूद्ध तत्काल समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों एवं निरस्त किये गये केन्द्रों के पंजीकरण के सम्बन्ध में भी जानकारी चाही गयी, जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ टी.सी पंत ने अवगत कराया है कि जनपद में अब तक कुल पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र 233 है तथा अब तक 119 केन्द्रों के पंजीकरण निरस्त किये गये हैं। वर्तमान में जनपद में कार्य कर रहे अल्ट्रासाउण्ड 114 हैं, जिसमें विकासनगर में 16, ऋषिकेश में 13, डोईवाला में 4, मसूरी में 2 एवं देहरादून शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 79 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र संचालित हो रहे हैं। उन्होने कहा कि माह जनवरी से अगस्त 2017 तक 73 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें माह जनवरी से अगस्त 2017 तक 26 केन्द्रों के पंजीकरण को नवीनीकरण की कार्यवाही की गयी है। निरीक्षण के दौरान 15 मशीनें सील की गयी हैं तथा 7 केन्द्रो ंका पंजीकरण निरस्त किया गया है, 4 केन्द्र निलंबित किये गये हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि महिला के गर्भवती होने से प्रसव तक तथा लिंगानुपात को सही मानक में बनाये रखने हेतु माता तथा बच्चों के सही आंकड़े के लिए टैपिंग सिस्टम को अपनाने तथा अपने स्तर पर, गैर सरकारी संगठनों, बाल एवं महिला स्वास्थ्य से जुड़े हुए विभागों/ऐजेंसियों के आंकड़ो का तुलनात्मक अध्य्यन करते हुए वर्षवार तथा माह वार स्पष्ट डेटा प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होने जनजागरूकता हेतु शिविर, कार्यशाला में प्रचार सामग्री वितरित करने तथा सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता पोस्टर चस्पा करने के निर्देश दिये।
बैठक में संयुक्त निदेशक कानून डाॅ जे.एस बिष्ट, जिला पंचायतराज अधिकारी एम जफर खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एस.के सिंह, पैथोलाॅजिस्ट डाॅ एन.के मिश्रा, वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डाॅ एन.एस खत्री, जिला समन्वय पी.सी.पी.एन.डी.टी ममता बहुगुणा सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।