नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2016 को अपने ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान कॉरपोरेट जगत से ऐसे युवा प्रोफेशनलों को प्रायोजित करने की अपील की थी, जो स्वच्छ भारत मिशन के क्रियान्वयन के लिए देश भर में जिला प्रशासनों को आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री की अपील को ध्यान में रखते हुए देश के एक प्रमुख परोपकारी संगठन टाटा ट्रस्ट्स ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सहयोग से एक साल की अवधि के लिए 600 जिला स्वच्छ भारत प्रेरक (जेडएसबीपी) उपलब्ध कराने की पेशकश की थी। इनमें से एक जिला स्वच्छ भारत प्रेरक देश के प्रत्येक जिले में अपनी सेवाएं देगा। इस पहल की घोषणा 15 दिसम्बर, 2016 को केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की थी।
इन युवा प्रोफेशनलों में से 50 प्रोफेशनलों के पहले बैच को प्रशिक्षण देने का शुभारंभ आज राजधानी में किया गया। जिलाप्रेरकों से बातचीत करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह विश्वास जताया कि जेडएसबीपी पहल ग्रामीण भारत में स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति में गेम चेंजर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे जिला कलेक्टर/सीईओ को और ज्यादा उत्साह एवं गति के साथ इस मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि जिलाप्रेरकों की भूमिका सुनिश्चित करके इन लोगों ने वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अगुवाई करते हुए प्रभावकारी ढंग से शपथ ली है। इसके साथ ही इन लोगों ने माननीय प्रधानमंत्री के इस सपने को साकार करने में अपनी ओर से योगदान करने की शपथ ली है। मंत्री महोदय ने इस बात पर खुशी जताई कि प्रशिक्षित किये जा रहे जिलाप्रेरकों के प्रथम बैच में महिलाओं की भी अच्छी-खासी संख्या है।
तीन दिन के इस गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिलाप्रेरकों को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के दिशा-निर्देशों पर तैयार विशेष मॉडयूल, एसबीएम में धनराशि के प्रवाह, एसबीएम की प्रगति की एमआईएस आधारित निगरानी, केन्द्र–राज्य तालमेल, स्वच्छता के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, लीडरशिप एवं प्रबंधन प्रशिक्षण मॉडयूल के बारे में जानकारी दी जायेगी।
9 comments