नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के बाद ऐसे कई दृष्टांत सामने आए हैं जिनके तहत पहले से पैकेटबंद वस्तु पर अंकित खुदरा बिक्री मूल्य में संशोधन करना आवश्यक हो गया है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक पहले से पैकेटबंद वस्तुओं के निर्माताओं/पैकरों/आयातकों को जीएसटी लागू होने के बाद 31 मार्च, 2018 तक इन पर संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) अंकित करने की अनुमति दी गई है। इसके तहत अनबिके निर्मित/पैकेटबंद/आयातित उत्पादों पर वर्तमान खुदरा बिक्री मूल्य के अलावा संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य को भी मुहर अथवा स्टिकर लगाकर या ऑनलाइन मुद्रण, जो भी स्थिति हो, के जरिए अंकित किया जा सकता है। आवश्यक बदलाव करने के बाद अनबिकी पैकेजिंग सामग्री/आवरण (रैपर) का भी उपयोग 31 मार्च, 2018 तक करने की अनुमति दी गई है।
इस आशय की जानकारी समस्त हितधारकों और सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के कानूनी माप-पद्धति नियंत्रकों को भी दे दी गई है, ताकि वे तत्काल आवश्यक कदम उठा सकें।
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री सी. आर. चौधरी ने आज राज्य सभा में इस आशय की जानकारी दी।