नई दिल्लीः आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप पुरी ने कल शाम स्मार्ट बिल्डिंग अवार्ड समारोह के अवसर पर कहा कि प्रौद्योगिकी का जोर जीवनयापन को आसान बनाने पर है लेकिन सिर्फ इसी पर केन्द्रित नहीं है। प्रौद्योगिकी नागरिकों की सहभागिता, बुनियादी सेवाओं में सुधार की व्यवस्था और बुनियादी ढांचा तथा कई क्षेत्रों को रहने लायक बना सकती है। प्रौद्योगिकी की अन्य भूमिका भारतीयों को पराम्परिक विकास के मार्ग में सक्षम बनाने की है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा, प्रौद्योगिकी संसाधनों की खपत को कम करने की स्थायी सुविधा देती है।
श्री पुरी ने गरीबों, महिलाओं, बुजुर्गों और विकलांग लोगों के लिए विशेष रूप से जीवन जीने में आसानी से संबंधित पहलुओं पर बल देते हुए कहा कि सभी भारतीय स्वच्छ और सतत पर्यावरण का लाभ लेने के योग्य है। सूचना तकनीक को सुपरपावर के रूप में कायम करने से, भारत को अपने बुनियादी ढांचे, ऑफिसों और घरों को बेहतर बनाने में डिजिटल तकनीक का लाभ लेना चाहिए।
मंत्री महोदय ने कहा कि भारत के हर शहरीनिवासी को बेहतर जीवनयापन और जीवन की गुणवत्ता देना मुख्य उद्देश्य है। हमारी सभी पहल, मिशन और कार्यक्रम इस उद्देश्य को पाने की दिशा में लक्षित है। शहरों जैसी चौकसी व्यवस्था अपराध को कम करने और विशेष रूप से महिलाओं व निवासियों की सुरक्षा को बेहतर करने का अच्छा उपाय है। पूरे शहर में वाई-फाई नेटवर्क्स लोगों के बीच में संवाद को बेहतर करता है, साथ ही विभिन्न सेवाप्रदाताओं के बीच भी संपर्क व्यवस्था बेहतर होती है। ई-गवर्नेस और नागरिक की फीडबैक व्यवस्था नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाकर सामाजिक एकजुटता को बेहतर बनाती है, सामाजिक पक्षपात को घटाती है, और कार्य-व्यवहार की प्रतिक्रिया के समय को कम करती है। एकीकृत यातायात प्रबंधन यातायात की गति को बढ़ा सकता है और यातायात भीड़-भाड़ को कम कर सकता है तथा इससे लोग स्वच्छ सांस ले पायेंगे।
सेंसर आधारित तकनीक रिसाव का पता लगाने, स्वचालित जल आपूर्ति और गुणवत्ता वाले पानी की सीधे सब तक पहुंच के लिए निगरानी व्यवस्था, संचालन और रखरखाव की लागत में कमी और जल जनित बीमारियों की कमी को सीधे प्रभावित करेगी। प्रौद्योगिकी ने हम लोगों की जिंदगी को विशिष्ट शक्ति दी है। लोगों के जीवन को सहेजने के अवसर दिए हैं। तकनीक के जरिए ही लोगों के जीने के तरीके में वास्तविक बदलाव आया है।