नई दिल्ली: जी-20 जर्मन प्रेसिडेंसी के अंतर्गत तीसरे जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप (एफडब्ल्यूजी) की बैठक भारत सरकार के आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से इस महीने की 28 और 29 तारीख को वाराणसी में आयोजित की जा रही है। जर्मन प्रेसिडेंसी के अंतर्गत जी-20 एफडब्ल्यूजी की पहली दो बैठकें पिछले वर्ष दिसम्बर में बर्लिन और इस वर्ष फरवरी में रियाद में सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी हैं।
2009 में एफडब्ल्यूजी की स्थापना के बाद से यह चौथा अवसर है जब भारत इस बैठक का आयोजन कर रहा है। इससे पहले भारत ने नीमराणा, राजस्थान (2012 में मैक्सिकन प्रेसिडेंसी के अंतर्गत), गोआ (2014 में जी-20 आस्ट्रेलियन प्रेसिडेंसी के अंतर्गत) और केरल (2015 में जी-20 टर्किश प्रेसिडेंसी के अंतर्गत) में जी-20 एफडब्ल्यूजी की बैठकों की मेजबानी की थी।
वाराणसी में होने वाली जी-20 एफडब्ल्यूजी की आगामी बैठक में वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति और विकास संबंधी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के लिए इस संगठन के देशों द्वारा अपनाए जाने वाले नीति-विकल्पों पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में एक महत्वपूर्ण मुद्दा जी-20 की समावेशी विकास कार्यसूची पर विचार करने संबंधी है। इसमें एक फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रयास किया जाएगा, जो प्रत्येक राष्ट्र विषयक समावेशी विकास नीतियां तैयार करने में देशों की मदद कर सके।
जी-20 19 देशों और यूरोपीय संघ का समूह है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्दों और अन्य महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों पर विचार करता है। जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप (एफडब्ल्यूजी) जी-20 समूह के बुनियादी कार्य समूहों में से एक है।