नई दिल्लीः वेबलिंक cisthetaglobal.com में एक समाचार अपलोड किया गया कि जेईई 2018 के पेपर के 90 प्रश्नों में से 7-8 प्रश्न ‘नारायण एकेडमी’ नामक एक कोचिंग संस्थान के एक मॉडल पेपर से लिए गए हैं। इस संदर्भ में सीबीएसई ने यह स्पष्ट किया है कि ये प्रश्न अथवा आइटम वर्ष 2016 में उपलब्ध नहीं थे। इस बारे में विस्तृत विवरण देते हुए सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि जेईई के प्रश्न पत्र मूल रूप से 100 से भी अधिक आइटम लेखकों द्वारा तैयार किए जाते हैं। ये आइटम लेखक अपने-अपने विषय के विशेषज्ञ होते हैं। ये विशेषज्ञ परीक्षा वर्ष के दौरान दो माह की अवधि में 1500 से भी अधिक आइटम तैयार करते हैं। ये सभी प्रश्न पत्र मूल रूप से आइटम लेखकों द्वारा तैयार किए जाते हैं और वे हस्तलिखित होते हैं। इसके बाद 90 प्रश्नों को कहीं से भी उठा लिया जाता है और 8-9 सेट तैयार किए जाते हैं। इनमें से कहीं से भी किसी एक सेट का चयन जेईई में उपयोग के लिए किया जाता है।
सीबीएसई के अनुसार 7 विभिन्न लेखकों ने 7-8 सवाल तैयार किए थे और ये हाथ से लिखे गए थे। इसके बादमॉडरेटर ने हाथ से लिखकर कई परिवर्तन भी किए। इसके बादवीटर (विशेषज्ञ) ने भी हाथ से लिखकर कुछ बदलाव किए। हाथ से लिखा हुआ अंतिम संस्करण केवल 2-3 महीने पहले तैयार हुआ। इसके बाद इसे गोपनीय प्रकाशक के पास भेजा गया।
सीबीएसई के अनुसार यह वास्तव में अत्यंत आश्चर्यजनक है कि इन सभी 7 हस्त लिखित सवाल एक विशिष्ट कोचिंग इंस्टीट्यूट के वेबसाइट में हूबहू मौजूद है। यह भी दावा किया जा रहा है कि दो साल पुराना है। यहां यह उल्लेख करना उपयुक्त है कि प्रेस ने भी उक्त कोचिंग इंस्टीट्यूट के बयान को प्रकाशित किया है। बयान में कहा गया है कि उक्त कोचिंग इंस्टीट्यूट की छवि को खराब करने के लिए इन चीजों का गलत इस्तेमाल किया गया है।
सीबीएसई ने दोहराया है कि ये सभी 7-8 आइटम/प्रश्न मूलतः लगभग 2-3 महीने पहले लिखे गए थे और ये दो वर्ष पूर्व किसी भी कोचिंग संस्थान द्वारा मॉडल पेपर में नहीं छापे जा सकते थे और न ही छपे हो सकते हैं। यह सीबीएसई जैसे प्रतिष्ठित संगठन के विरुद्ध झूठ और अफवाहों से बदनामी का माहौल बनाया जा रहा है। सीबीएसई सभी लोगों से अपील करता है कि वे इस तरह की अफवाहों या झूठी बातों की ओर कोई ध्यान न दें।