नई दिल्लीः पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आज यहां जैव ईंधन और प्रधानमंत्री जी-वन योजना पर नयी राष्ट्रीय नीति के संबंध में परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारत में जैव ईंधन के लिए तैयारी मसौदा बनाने के संबंध में सुझाव आमंत्रित करना था।
आज दिनभर चली कार्यशाला के दौरान 1-जी एथेनॉल, 2-जी एथेनॉल, बायो-डीजल, ठोस कचरे से ईंधन और बायो-सीएनजी बनाने संबंधी सभी हितधारकों, उत्पादकों, बैंकरों और क्रेताओं के साथ चर्चा की गयी।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 1-जी एथेनॉल, 2-जी एथेनॉल, बायो-डीजल, ठोस कचरे से ईंधन और बायो-सीएनजी का मिथेनॉल के साथ समायोजन में आर्थिक वृद्धि की अपार क्षमताएं हैं। इसके साथ ही रोजगार सृजन तथा किसानों की आय दुगना करने के प्रयासों को भी सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि के अनुरूप 2022 तक 10 प्रतिशत आयात कटौती के लक्ष्य को प्राप्त करने में सुविधा होगी।