नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग द्वारा अगले दो दिन के लिए जारी किये गये वर्षा के पूर्वानुमान से यह संकेत मिलता है कि पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, पूर्वी राजस्थान में बहुत तेज बौछारों के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है और पश्चिमी मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तरी-मध्य महाराष्ट्र, गुजरात के इक्का-दुक्का स्थानों में 28 और 29 जुलाई, 2017 को भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 30 जुलाई, 2017 से वर्षा में कमी आने की संभावना है। भारी वर्षा के कारण सोन बेसिन, इलाहाबाद और बलिया के बीच बहने वाली दक्षिणी गंगा की सहायक नदियों, केन बेतवा बेसिन, चम्बल बेसिन, माही, साबरमती और नर्मदा बेसिन में जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
दो दिन तक होने वाली वर्षा के परिणामस्वरूप निम्नलिखित बेसिनों में नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है – सोन बेसिन और दक्षिणी गंगा सहायक नदियों जैसे रिहंद, कन्हार, कोयल के जलस्तर में झारखंड के पलामु जिले, छत्तीसगढ़ के सरुगुजा जिले, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मिर्जापुर जिले, मध्य प्रदेश के शहडोल, सिद्धी और सतना जिले की वृद्धि में संभावना है। बाणसागर और रिहन्द बांधों में जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। हालांकि 29 जुलाई, 2017 से कम वर्षा के पूर्वानुमानों के मद्देनजर पर्याप्त भंडार उपलब्ध होने के बावजूद इन जलाशयों से पानी छोड़े जाने की संभवत: जरूरत नहीं होगी।
केन बेतवा: केन और बेतवा नदियों में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले, उत्तर प्रदेश के बांदा और हमीरपुर जिले में जलस्तर बढ़ने की संभावना है। माताटीला और राजघाट बांधों में प्रवाह में वृद्धि हो सकती है। जरूरत पड़ने पर इन बांधों से नियंत्रित रूप से पानी छोड़ने के लिए स्थिति पर नजर रखने की आवश्यकता होगी।
चम्बल बेसिन: चम्बल और उसकी सहायक नदियों में मध्य प्रदेश के उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच, राजस्थान के कोटा और झालावाड जिलों में जलस्तर बढ़ सकता है। चम्बल बेसिनों के बांधों में पर्याप्त भंडारण होने के कारण वहां से तत्काल पानी छोड़े जाने की संभवत: कोई आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि अगले दो दिनों में पूर्वी राजस्थान में भारी से बहुत भारी वर्षा की निरंतर मिल रही चेतावनियों के मद्देनजर स्थितिपर पैनी नजर रखी जाएगी। राजस्थान के झालावाड़, पाली, चित्तौड़गढ़ जिलों में वर्षा के कारण चम्बल की बहुत सी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है।
नर्मदा और तापी बेसिन: इन बेसिनों में, विशेषकर नर्मदा के निचले भागों, तापी के निचले भागों और दमनगंगा बेसिनों में आज और कल इक्का-दुक्का स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इन नदियों का जलस्तर गुजरात में वड़ोदरा, सूरत, भरूच, वलसाड़ और नवसारी में बढ़ सकता है। तापी बेसिन में वर्षा के कारण महाराष्ट्र के नंदुरबार, धूले और जलगांव जिलों में जलस्तर बढ़ सकता है। उकाई बांध में पर्याप्त भंडारण होने की वजह से वहां से तत्काल पानी छोड़े जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि स्थिति पर पैनी निगाह रखने की जरूरत है। कदाना,धारोई, दंतेवाड़ा आदि जलाशय के लगभग पूरा भर जाने की वजह से जल के प्रवाह के पूर्वानुमान के आधार पर नियंत्रित रूप से जल छोड़ने की आवश्यकता पर पूर्ण जलाशय स्तर (एफआरएल) कड़ी सतर्कता की जरूरत होगी।
माही, साबरमती और बनास बेसिन : माही और साबरमती के जलग्रहण वाले इलाकों में अगले दो दिन भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। मध्य प्रदेश के झबुआ, धार और रतलाम जिलों में, राजस्थान के सिरोही, पाली, उदयपुर और ढुंगरपुर जिलों में, गुजरात में साबरकांठा, मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर, बनासवाड़ा, पंचमहाल, महीसागर और खेड़ा जिलों में नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है।