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टीके से इलाज संभव होने की स्थिति में कोई भी बच्चा टीके से वंचित न रहे: प्रधानमंत्री

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यदि टीके से किसी रोग का इलाज संभव है तो किसी भी बच्चे को टीके का अभाव नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री आज गुजरात के वडनगर में सघन मिशन इंद्रधनुष का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए भारत सरकार ने दो वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती माताओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है जो टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत यह सुविधा नहीं पा सके हैं। विशेष अभियान के तहत टीकाकरण पहुंच में सुधार के लिए चुने हुए जिलों और राज्यों में दिसंबर 2018 तक पूर्ण टीकाकरण से 90 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य रखा गया है। मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 90 प्रतिशत क्षेत्रों को शामिल किया जाना है।

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रूपानी, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी.नड्डा, गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल, गुजरात के उप-मुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल, गुजरात के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा, पर्यावरण एवं शहरी विकास मंत्री शंकर भाई चौधरी सहित अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। खचाखच भरे परिसर में जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार ने टीकाकरण को लोगों को जन एवं सामाजिक आंदोलन बनाया है। प्रधानमंत्री ने लोगों से जोरदार अपील की कि वे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम को अपनाए और इस दिशा में सरकार को सहयोग दें।

प्रधानमंत्री ने सरकार की अन्य उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 15 वर्षों के बाद नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 लाई है जो जनकेंद्रित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने स्टंट की कीमतों का विनियमन किया है जिससे बड़ी संख्या में देश के लोगों का भला हुआ है। इससे मध्यम आय वर्ग और गरीब परिवारों के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च में कटौती हुई है। प्रधानमंत्री मात्तृत्व सुरक्षा अभियान की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि निजी डॉक्टरों ने सरकारी डॉक्टरों के साथ हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क सेवाएं देने की पहल की है।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री का अपार समर्थन उनके लिए प्रेरणास्रोत रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के बच्चों में स्वास्थ्य सुधार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री नड्डा ने सूचित किया कि मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों के तहत 2.53 करोड़ बच्चे और 68 लाख गर्भवती महिलाओँ को जीवनरक्षक टीकें उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से 5.21 लाख बच्चे और 1.27 लाख गर्भवती महिलाएं गुजरात से हैं। उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के जरिए हम 90 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। इससे पहले पूर्ण टीकाकरण, कवरेज में वृद्धि का लक्ष्य हर वर्ष 1 प्रतिशत था। मिशन इंद्रधनुष पहले दो चरणों में टीकाकरण में 6.7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

अक्तूबर 2017 और जनवरी 2018 के बीच हर महीने सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता वाले जिलों और शहरी क्षेत्रों में 173 जिलों, 16 राज्यों के 121 जिलों और 17 शहरों और 8 पूर्वोत्तर राज्यों के 52 जिलों में निरंतर टीकाकरण का दौर जारी रहेगा। सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम चुनिंदा में ऐसे जिलों और शहरी क्षेत्रों में वाले क्षेत्रों में चलाया जाएगा जहां टीकाकरण कम हुआ है। यह क्षेत्र राष्ट्रीय सर्वेक्षण, स्वास्थ्य प्रबंध सूचना प्रणाली डेटा एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तय किए जाएंगे। एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास करने वाले शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और उप-केंद्रों में ऐसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां टीकाकरण या तो नहीं हुआ या उसका प्रतिशत बहुत कम है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शहरी बस्तियों और शहरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।

सघन मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए अंतरमंत्रालय और अंतर विभागीय समन्वय, कार्रवाई आधारित समीक्षा प्रबंध एवं सघन निगरानी और जवाबदेही प्रणाली अपनाई जाएगी ताकि लक्षित क्षेत्रों में प्रभावी टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया जा सके। इस कार्यक्रम में 11 अन्य मंत्रालय और विभाग भी अपना समर्थन प्रदान कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पंचायती राज, शहरी विकास, युवा कार्य एवं अन्य मंत्रालयों ने सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम में अपना सहयोग दिया है। जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले विभिन्न लोगों के जरिए इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जाएगा। आशा, आंगनबाड़ी वर्कर, राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन के अंतर्गत जिला प्रेरक और स्वयंसेवी संगठनों के बेहतर समन्वय और प्रभावी कार्यान्वयन के जरिए यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।

जिला, राज्य और केंद्रीय स्तर पर नियमित अंतराल के दौरान सघन मिशन इंद्रधनुष की कड़ी निगरानी की जाएगी। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रिमंडलीय सचिव इसकी समीक्षा करेंगे। प्रगति कार्यक्रम के तहत सर्वोच्च स्तर पर इसकी निगरानी होगी।

सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम में सरकार द्वारा निरीक्षण, सहायकों की निगरानी और सर्वेक्षण के जरिए चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम की निगरानी के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। राज्य और जिला स्तर पर आत्मावलोकन के अंतराल पर आधारित सुधार योजना तैयार की गई है। ये योजनाएं राज्य से केंद्रीय स्तर तक चलाई जाएंगी ताकि दिसंबर 2018 तक 90 प्रतिशत तक टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया जा सके।

90 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल करने वाले जिलों के लिए मूल्यांकन और पुरस्कार पद्धति अपनाई जाएगी। लक्ष्य के मार्ग में अवरोधों की स्थिति में बेहतरी के लिए पद्धति अपनाई जाएगी और मीडिया प्रबंधन के द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। साझीदारों/नागिरक सोसाइटी संगठनों और अन्यों के सहयोग से प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।

समारोह में प्रधानमंत्री ने जीएमईआरएस चिकित्सा कॉलेज वडनगर को देश को समर्पित किया। उन्होंने समुदाय स्वास्थ्य अभियान के लिए नवप्रवर्तनशील मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी का शुभारंभ भी किया। इससे समुदाय आधारित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का कवरेज संभव होगा और गुजरात में मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलेगी। जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 400 से 500 बाहरी मरीज और 80 से 100 स्थानीय मरीजों का इलाज होता है। उन्नतिशील मोबाइल फोन एप्लीकेशन के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी।

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