नई दिल्ली: केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रौद्योगिकी को सरकार का प्राथमिकता क्षेत्र बताते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य विज्ञान को जन केन्द्रित बनाना है। डॉ. हर्षवर्धन अमेरिकी अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष लेमर स्थिम के नेतृत्व में आए अमेरिकी कांग्रेस के शिष्टमण्डल से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में टेक्नोलॉजी प्रेरक बल है। उन्होंने शिष्टमण्डल को बताया कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) 200 प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अमेरिका में लगभग एक मिलियन भारतीय मूल के वैज्ञानिक और इंजीनियर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्रतिभा पलायन’ की प्रक्रिया अब ‘प्रतिभा लाभ’ में बदल गई है क्योंकि अनेक युवा वैज्ञानिक भारत लौटने लगे हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वित्त पोषण में वृद्धि से मूल गतिविधियां बढ़ाई जा सकती हैं।
दोनों पक्षों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. राजीवन, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. विजय राघवन, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. गिरिश साहनी तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (द्विपक्षीय) के प्रमुख डॉ. अरबिन्द मित्रा ने भारतीय शिष्टमण्डल का प्रतिनिधितत्व किया जबकि अमेरिकी कांग्रेस शिष्टमण्डल का प्रतिनिधितत्व डाना रोहराबैचर, मो ब्रुक्स, थॉमस मेसी, एमी बेरा, ब्रियान बैबीन, बारबरा कॉमस्टॉक, मार्क सैंडफोर्ड तथा डेरेन सोटो ने किया।