नई दिल्लीः सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय न्यास ने आज यहां ‘डाउन सिंड्रोम पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित किया। राष्ट्रीय न्यास के अध्यक्ष डॉ. कमलेश कुमार पांडे ने इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय न्यास के संयुक्त सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मुकेश जैन, डाउन सिंड्रोम फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष डॉ. सुरेखा रामचंद्रन और डाउन सिंड्रोम से संबंद्ध विभिन्न हितधारक उपस्थित थे। इस मौके पर डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के जीवन पर आधारित “ट्वीलाइट्स चिल्ड्रन” नाम की पुस्तक का भी विमोचन किया गया। सम्मेलन के जरिये डाऊन सिंड्रोम पर विचारों और ज्ञान का प्रसार करने के लिए सभी वर्ग के बुद्धिजीवी एक मंच पर एकत्रित हुए, जो डाउन सिंड्रोम से पीडि़त लोगों के मन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अत्यधिक लाभदायक था। डाउन सिंड्रोम पीडि़तों और उनके माता-पिताओं को भी उनकी प्रेरणादायक गाथा साझा करने के लिए सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था।
डाउन सिंड्रोम क्रोमोसोम से जुड़ा विकार है, जिसमें बौद्धिक विकास और सीखने की क्षमता कम होती है। इससे ग्रसित बच्चों में अकसर देरी से विकास और व्यवहार संबंधी समस्याएं होती है। विभिन्न हितधारकों की प्रतिबद्धता और डाउन सिंड्रोम के बारे में उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय न्यास ने डाउन सिंड्रोम पर इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था।
19 दिसंबर, 2011 को संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने 21 मार्च को विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से डाउन सिंड्रोम से ग्रसित लोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिवर्ष इस दिवस को आधिकारिक तौर पर मनाता है। इस सम्मेलन का उद्देश्य डाउन सिंड्रोम से ग्रसित लोगों के माता – पिताओं को इस विकार के बारे में नवीन शिक्षा और कौशल पर जानकारी प्रदान करना था। इसके अलावा डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों के लिए मूल्यांकन/जांच सत्र भी आयोजित किए गए थे।
उद्घाटन सत्र के बाद पहला सत्र ‘डाउन सिंड्रोम- स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दें’ विषय पर पैनल परिचर्चा और प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल के प्रसिद्ध डॉक्टर शामिल हुए। दूसरा सत्र ‘डाउन सिंड्रोम – संभावनाएं और बढ़ना तथा विकास’ विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें डाउन सिंड्रोम के क्षेत्र में कार्यरत जाने-माने विशेषज्ञों के साथ पैनल परिचर्चा और प्रश्नोत्तरी सत्र किया गया। अंत में तीसरे सत्र में ‘डाउन सिंड्रोम-दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर जिज्ञासा’ विषय पर प्रसिद्ध अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ पैनल परिचर्चा और प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय न्यास संवैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मंदबुद्धि और कई प्रकार की दिव्यांगता से ग्रसित लोगों के कल्याण के लिए संसदीय अधिनियम के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत की गई। राष्ट्रीय न्यास अपनी स्थापना के बाद से ही दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चला रहा है। इनमें से प्रमुख गतिविधि विभिन्न कार्यशालाओं, सम्मेलनों का आयोजन कर इन दिव्यांगताओं और ऐसे व्यक्तियों की क्षमताओं के बारे में आम जन के बीच जागरूकता फैलाना है।