नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़/भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज यहां समीक्षा बैठक की।
बैठक के दौरान डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार राहत और बचाव कार्यों में राज्य सरकारों को हर तरह की सहायता प्रदान करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में असम और अरूणाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए गए दल के साथ समन्वय कायम किए हुए है। उन्होंने कहा कि वर्षा के कारण भारी नुकसान हुआ है और अरूणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर में बाढ़/ भूस्खलन से कुल 58 जिले प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 80 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों और केन्द्रीय दलों द्वारा बाढ़/भूस्खलन के कारण हुए नुकसान पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। डा. सिंह ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसरो के विशेषज्ञों को पूर्वोत्तर में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राजी कराने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रभावित लोगों के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे पैकेट बंद भोजन और बेबी फूड उपलब्ध कराया जाए।
डा. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि महामारी फैलने से रोकने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से और संचार लाइनों को बहाल करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय से सम्पर्क किया है। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के रेजीडेंट कमीश्नर से कहा कि वे स्थिति पर आगे निगरानी रखने के लिए पूर्वोत्तर विकास क्षेत्र और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ मिलकर काम करें।
इस बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास सचिव श्री नवीन वर्मा, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और असम तथा अरूणाचल प्रदेश के रेजीडेंट कमीशनर और मणिपुर के उप रेजिडेंट कमीशनर भी शामिल हुए।